कोरोना से जंग में खादी का सुरक्षा कवच

Last Updated 13 Apr 2020 12:20:14 PM IST

कोरोना से जारी जंग में खादी सुरक्षा कवच बनेगी। मास्क के जरिए खादी घर-घर पहुंचाने की योगी सरकार ने मुकम्मल तैयारी कर ली है। इस योजना के कई लाभ होंगे।


मसलन मास्क महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) तैयार करेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर इनको रोजगार मिलेगा। आजादी के बाद पहली बार घरों तक पहुंचने से खादी की ब्राडिंग भी होगी। कपड़े की मांग बढ़ने से कत्तिनों और बुनकरों को भी रोजगार मिलेगा।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव डॉ़ नवनीत सहगल ने से कहा, "ग्राम विकास विभाग की स्वयं सहयता समूह की महिलाओं द्वारा यह खादी का मास्क तैयार किया जा रहा है। उन्हें इसके लिए 6 लाख मीटर कपड़ा दे दिया गया है। एक मीटर में करीब आठ मास्क बन जाते हैं। बची हुई कतरन से एक-दो और। इस तरह इतने कपड़ों में करीब 50 लाख मास्क तैयार हो जाएंगे। बजार में एक जोड़े मास्क की कीमत 20-22 रुपये के करीब होगी।"

उन्होंने बताया कि इसमें दोहरा रोजगार है। एक तो कपड़ा बुनकरों को और दूसरा मास्क बना रही महिलाओं को है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहयता ग्रुप के लोग इसे बजार पहुंचाएंगे।

सहगल ने कहा, "खादी से तैयार मास्क मानक के अनुसार पूरी गुणवत्ता के होंगे। यह तीन लेयर के होंगे और दो-दो की पैकिंग में उपलब्ध होंगे। ताकि लेने वाला बारी-बारी से इसका प्रयोग कर सकें। इससे उनकी कोरोना के अलावा वायरस जनित और रोगों से भी सुरक्षा हो सकेगी। मानक के अनुसार मास्क बनाने के लिए प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भारतीय हरित खादी नामक संस्था को दी गई है।"

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अभी प्रदेश में महिलाओं के करीब दो हजार स्वयं सहायता समूह हैं। इनसे करीब 20 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। इस काम से जुड़ने वाले समूह की महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। इनकी संख्या लाखों में होगी।

कत्तिनों और बुनकरों को भी होगा लाभ मास्क के लिए कपड़े की मांग बढ़ने पर सूत कातने और बुनने वाले कत्तिनों को भी रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में प्रदेश में करीब छह लाख कत्तिन और बुनकर हैं। खादी के कपड़ों पर केंद्र और प्रदेश सरकार क्रमश: 20 और 15 फीसद का अनुदान देती है। राज्य सरकार से देय अनुदान का 5 फीसद सीधे कत्तिनों और बुनकरों के खाते में जाता है। इस तरह से इनको भी लाभ होगा।

तैयार मास्क ग्राम्य विकास विभाग ग्राम पंचायतों के जरिए बंटवाएगा। इसमें पोस्ट ऑफिस, बैंक और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा सकती है। कई संस्थाएं इसके लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग से संपर्क भी कर रही है।
 

आईएएनएस
लखनऊ


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