सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा के लिए तैयार है।

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संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उच्च सदन में विपक्षी सदस्यों ने पहलगाम आतंकवादी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई पर तत्काल चर्चा कराये जाने की मांग को लेकर हंगामा किया।
सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर सदन में विस्तृत चर्चा सुनिश्चित करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई विपक्षी सदस्यों ने पूर्व निर्धारित कामकाज को स्थगित कर इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव दिए थे। कुछ सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद समेत अन्य विषयों पर चर्चा की मांग की।
सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा के लिए तैयार है।
विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की। इस पर सभापति ने कहा कि वह विभिन्न दलों के नेताओं से इस विषय पर चर्चा करेंगे। लेकिन विपक्षी सदस्य तत्काल चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे।
खरगे ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता की, देश के लिए ‘‘अपमानजनक’’ है।
इस पर उच्च सदन के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता नड्डा ने कहा कि सरकार इस विषय पर विस्तार से चर्चा के लिए तैयार है और वह किसी भी बहस से ‘‘पीछे नहीं हट रही है’’।
नड्डा ने कहा कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा ‘‘यह संदेश कतई नहीं जाना चाहिए कि सरकार आपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं करना चाहती। हम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की ओर संकेत करते हुए कहा कि आजादी के बाद से आज तक ऐसा कोई अभियान नहीं हुआ जैसा अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने कहा कि वह इतिहास में नहीं जाना चाहते।
इस बीच हंगामा तेज हो गया जिसके बाद सभापति ने 11 बज कर 46 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संसद का मानसून सत्र सोमवार (21 जुलाई) को आरंभ हुआ और 21 अगस्त तक इसमें कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं।
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