सरकार ने अधिकारियों से सुनिश्चित करने को कहा : फार्मा इकाइयां निर्बाध रूप से काम करें

Last Updated 06 Apr 2020 01:10:07 AM IST

कोरोना वायरस संकट से मुकाबला करने के लिए सरकार ने रविवार को सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दवाइयां और उपकरण तैयार करने वाली फार्मा इकाइयां निर्बाध रूप से काम कर सकें।


केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ (फाइल फोटो)

वहीं मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि सरकार 14 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करने के बाद शिक्षण संस्थानों के फिर से खोले जाने के बारे में फैसला करेगी।
रविवार को ही आव्रजन अधिकारियों ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आठ मलेशियाई नागरिकों को पकड़ा जिन्होंने यहां निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लिया था। वे लोग फंसे हुए यात्रियों के लिए एक विशेष उड़ान से देश से भागने की फिराक में थे।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना वायरस के कारण मृतकों की कुल संख्या बढकर 83 हो गयी। पिछले 24 घंटों में 505 नए मामलों के साथ 3,577 लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गई।
आंकड़ों के अुनसार 3,219 लोग अब भी इससे संक्रमित हैं जबकि 274 लोग ठीक हो चुके हैं।
हालांकि, राज्यों द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर पीटीआई भाषा के आंकड़ों के अनुसार कम से कम 126 मौतें हुयी हैं जबकि कुल मामलों की संख्या बढकर 4,111 तक पहुंच गई। इनमें से 315 लोग ठीक हो गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर दिया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा से फैलता है।
मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोरोना के मामलों में दोगुना इजाफा होने की दर 4.1 दिन हो गयी है, लेकिन अगर दिल्ली में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन के बाद हाल ही में संक्रमण फैलने की घटना न होती तो यह दर 7.4 दिन होती।
इस बीच विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद की स्थिति के मद्देनजर रणनीति पर विचार शुरू कर दिया है।
इस बीमारी के कारण दुनिया भर में 65,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
ऐसा प्रतीत होता है कि अभी केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान दो प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित है। पहला, तेजी से फैलने वाले वायरस को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयासों को जारी रखना और दूसरा लॉकडाउन के बाद की रणनीति तैयार करना है।
रेलवे सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यात्री सेवाएं बहाल करने के बारे में आने वाले हफ्तों में निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद की स्थिति में कई प्रस्तावों पर गौर किया जा रहा है।
सभी शिक्षण संस्थानों के बंद रहने के बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ ने कहा कि सरकार 14 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करने के बाद इस संबंध में फैसला करेगी।
उन्होंने कहा कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करने की तैयारी कर रहा है कि अगर 14 अप्रैल से आगे भी स्कूल और कॉलेज बंद रहते हैं तो छात्रों को कोई शैक्षणिक नुकसान नहीं हो।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने जिला स्तरीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि दवाइयां और उपकरण बनाने वाली इकाइयां निर्बाध रूप से चलती रहें।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि गौबा ने रविवार को जिला मजिस्ट्रेटों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, राज्य और जिला निगरानी अधिकारियों, राज्य के स्वास्थ्य सचिवों और जिला स्वास्थ्य सचिवों और मुख्य सचिवों के साथ बैठक की।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सहित विभिन्न दलों के कई नेताओं से कोरोना वायरस महामारी की स्थिति पर चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि मोदी ने घातक कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि शीर्ष नेताओं से उनकी बातचीत इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श करने का हिस्सा थी।
मोदी ने समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव, द्रमुक के एम. के. स्टालिन और शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल सहित कई नेताओं से भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री आठ अप्रैल को विभिन्न राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं से भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत करेंगे।

भाषा
नयी दिल्ली


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