मजदूरों को खाना-पानी मुहैया कराए केंद्र

Last Updated 01 Apr 2020 12:46:46 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा है कि शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों को खाना-पानी, दवा आदि बुनियादी जरूरतों की वस्तुएं मुहैया कराई जाएं।


सुप्रीम कोर्ट

चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान केन्द्र से कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि मजदूरों को बुनियादी जरूरत का सामान मिल सके। गर्मी का मौसम आ गया है, लिहाजा पेयजल और खाद्य सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से यह भी कहा कि एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए, जो कोविड-19 के बारे में लोगों को जागरूक कर सके। बेंच ने यह भी कहा कि अपुष्ट खबरों का प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बीमारी की तुलना में भय और दहशत से ज्यादा जिंदगियां तबाह हो सकती हैं। कोरोना वायरस को लेकर फर्जी खबरें चलाने वाले लोगों से सख्ती से निपटने की जरूरत है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में स्टेटस रिपोर्ट दायर की। मेहता ने अदालत को बताया कि प्रवासी मजदूरों का गांव की ओर लौटना बंद हो गया है। सभी प्रवासी श्रमिकों को शेल्टर होम में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख सात अप्रैल तय की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम का प्रबंधन स्वयंसेवी संस्थाओं के हवाले किया जाए। यह काम पुलिस को न सौंपा जाए।

प्रवासी मजदूरों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कठोर कार्रवाई न की जाए। आश्रय गृहों में अस्थाई रूप से रह रहे श्रमिकों को डराया-धमकाया न जाए। उनकी मानसिक स्थिति को देखते हुए परामर्श उपलब्ध कराया जाए। केन्द्र ने अदालत को आश्वस्त किया कि प्रशिक्षित परामर्श कर्मियों को शेल्टर होम में तैनात किया जाएगा।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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