जैविक हथियारों पर प्रतिबंध संबंधी संधि का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो : भारत

Last Updated 27 Mar 2020 10:38:05 PM IST

भारत ने शुक्रवार को जोर दिया कि व्यापक नुकसान पहुंचाने वाले विनाशकारी जैविक हथियारों के उत्पादन पर प्रतिबंध संबंधी वैश्विक संधि का सख्ती से पालन किया जाए। इसके साथ ही भारत ने क्षेत्र में नए वैज्ञानिक घटनाक्रम से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किए जाने की जरूरत को भी रेखांकित किया।


जैविक हथियारों पर प्रतिबंध

जैविक और घातक हथियार संधि (बीटीडब्ल्यूसी) लागू होने की 45 वीं वषर्गांठ के अवसर पर भारत ने जैविक हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का फिर से आह्वान करते हुए तेजी से फैलते कोरोना वायरस और इसके वैश्विक प्रभाव का भी उल्लेख किया।   

बिना विस्तृत ब्यौरा दिए विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव ने वि स्वास्थ्य संगठन की संस्थागत मजबूती सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है।    

इसमें कहा गया है कि भारत संधि में शामिल अन्य सदस्य देशों के साथ काम कर रहा है ताकि जैव-खतरों और जैव-आपात स्थितियों से निपटने में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए आंकड़े जुटाए जा सकें।    

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि बीडब्ल्यूसी को नए और उभरते वैज्ञानिक और तकनीकी घटनाक्रम से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देना चाहिए।     

इसमें कहा गया है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और निरस्त्रीकरण के संदर्भ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका' पर एक वाषिर्क प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसे सर्वसम्मति से अपनाया गया है।     

इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से महामारी के वैश्विक आर्थिक और सामाजिक प्रभाव से डब्ल्यूएचओ की संस्थागत मजबूती सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता रेखांकित होती है।     

कोरोना वायरस महामारी चीनी शहर वुहान में शुरू हुयी थी और इससे दुनिया भर में 21,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 150 देशों में करीब 500,000 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।  

जैविक हथियारों पर प्रतिबंध संबंधी संधि का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो : भारत
नयी दिल्ली भाषा
भारत ने शुक्रवार को जोर दिया कि व्यापक नुकसान पहुंचाने वाले विनाशकारी जैविक हथियारों के उत्पादन पर प्रतिबंध संबंधी वैश्विक संधि का सख्ती से पालन किया जाए। इसके साथ ही भारत ने क्षेत्र में नए वैज्ञानिक घटनाक्रम से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किए जाने की जरूरत को भी रेखांकित किया।    

जैविक और घातक हथियार संधि (बीटीडब्ल्यूसी) लागू होने की 45 वीं वषर्गांठ के अवसर पर भारत ने जैविक हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का फिर से आह्वान करते हुए तेजी से फैलते कोरोना वायरस और इसके वैश्विक प्रभाव का भी उल्लेख किया।   

बिना विस्तृत ब्यौरा दिए विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव ने वि स्वास्थ्य संगठन की संस्थागत मजबूती सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है।    

इसमें कहा गया है कि भारत संधि में शामिल अन्य सदस्य देशों के साथ काम कर रहा है ताकि जैव-खतरों और जैव-आपात स्थितियों से निपटने में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए आंकड़े जुटाए जा सकें।    

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि बीडब्ल्यूसी को नए और उभरते वैज्ञानिक और तकनीकी घटनाक्रम से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देना चाहिए।     

इसमें कहा गया है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और निरस्त्रीकरण के संदर्भ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका' पर एक वाषिर्क प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसे सर्वसम्मति से अपनाया गया है।     

इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से महामारी के वैश्विक आर्थिक और सामाजिक प्रभाव से डब्ल्यूएचओ की संस्थागत मजबूती सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता रेखांकित होती है।     

कोरोना वायरस महामारी चीनी शहर वुहान में शुरू हुयी थी और इससे दुनिया भर में 21,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 150 देशों में करीब 500,000 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।  

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने वाषिर्क प्रस्ताव के माध्यम से भविष्य में आतंकवादियों द्वारा जैविक हथियारों के रूप में सूक्ष्मजीवों के संभावित उपयोग से होने वाले खतरों को उजागर करता रहा है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने वाषिर्क प्रस्ताव के माध्यम से भविष्य में आतंकवादियों द्वारा जैविक हथियारों के रूप में सूक्ष्मजीवों के संभावित उपयोग से होने वाले खतरों को उजागर करता रहा है।

भाषा
नयी दिल्ली


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