भारत सिर्फ 130 करोड़ लोगों का घर ही नहीं बल्कि एक जीवंत परंपरा है : मोदी

Last Updated 24 Jan 2020 05:20:19 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत सिर्फ सरहदों के भीतर 130 करोड़ लोगों का घर ही नहीं बल्कि एक राष्ट्र के साथ एक जीवंत परंपरा, विचार, संस्कार का विस्तार है और न्यू इंडिया में इन्हीं आकांक्षाओं, सपनों को पूरा करना है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत सिर्फ सरहदों के भीतर 130 करोड़ लोगों का घर ही नहीं बल्कि एक राष्ट्र के साथ एक जीवंत परंपरा, विचार, संस्कार का विस्तार है और न्यू इंडिया में इन्हीं आकांक्षाओं, सपनों को पूरा करना है।

प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने जा रहे युवाओं से कहा, ‘‘ भारत की श्रेष्ठता की एक और शक्ति इसकी भौगोलिक और सामाजिक विविधता में ही है। हमारा ये देश एक प्रकार से फूलों की माला है, जहां रंग-बिरंगे फूल भारतीयता के धागे से पिरोए गए हैं ।"

मोदी ने कहा कि जब हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की बात करते हैं, तो हमें यह भी याद रखना है कि भारत असल में है क्या। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ सरहदों के भीतर 130 करोड़ लोगों का घर भर ही नहीं है। भारत एक राष्ट्र के साथ-साथ एक जीवंत परंपरा है, एक विचार है, एक संस्कार है, एक विस्तार है। 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम जिस न्यू इंडिया की तरफ आगे बढ रहे हैं, वहां यही आकांक्षाएं, यही सपने हमें पूरे करने हैं। भारत का कोई भी व्यक्ति, कोई भी क्षेत्र पीछे ना रह जाए, ये हमें सुनिश्चित करना है। गणतंत्र दिवस की परेड के पीछे भी यही ध्येय है ।’’

उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने जा रहे युवाओं से कहा कि राजपथ पर आपके प्रदर्शन से पूरी दुनिया भारत की इस शक्ति को देखती है। इसका असर भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ के प्रचार-प्रसार में भी होता है और भारत के पर्यटन क्षेत्र को भी इससे मजबूती मिलती है।

मोदी ने कहा कि यहां आप जितने भी साथी एकत्र हुए हैं, आप एक प्रकार से मिनी इंडिया- न्यू इंडिया को प्रदर्शित करने वाले लोग हैं। लोगों को आपके माध्यम से भारत के बारे में जानकारी मिलती है।

उन्होंने कहा कि एनसीसी और एनएसएस के माध्यम से अनुशासन और सेवा की एक समृद्ध परंपरा जब राजपथ पर दिखती है, तो देश के करोड़ों युवा प्रेरित और प्रोत्साहित होते हैं।

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की ज्यादा से ज्यादा चर्चा करें। चर्चा ही नहीं, बल्कि खुद अमल करके, उदाहरण पेश करें। हमारे ऐसे ही प्रयास न्यू इंडिया का निर्माण करेंगे। 
 

भाषा
नयी दिल्ली


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