राज्यों को केंद्र से असहमत होने का अधिकार सीएए के लिए बाध्य नहीं कर सकते : कांग्रेस

Last Updated 20 Jan 2020 02:20:47 AM IST

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ केरल के उच्चतम न्यायालय पहुंचने के मुद्दे पर राज्य सरकार और राज्यपाल के मध्य तकरार के बीच कांग्रेस ने रविवार को कहा कि राज्यों को केंद्र से असहमत होने का अधिकार है और जब तक मुद्दे का अदालत में फैसला नहीं हो जाता, उन्हें ‘असंवैधानिक कानून’ लागू करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (file photo)

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, सीएए भारत के संविधान पर हमला है। इसके खिलाफ लोगों का आंदोलन ‘बहादुरी और निर्भीकता’ के साथ चलता रहेगा। कांग्रेस का बयान पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के बयान के एक दिन बाद आया जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सीएए को लागू करने से तब मना नहीं कर सकते क्योंकि संसद से पहले ही यह पारित हो चुका है।

हालांकि, सिब्बल ने यह भी कहा कि राज्य विधानसभाओं को प्रस्ताव पारित करने और सीएए को वापस लेने या बदलाव करने का अनुरोध करने का संवैधानिक अधिकार है परंतु उच्चतम न्यायालय द्वारा कानून को संवैधानिक करार दिए जाने पर विरोध करना मुश्किल होगा।

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने अहमदाबाद में कहा, पार्टी द्वारा शासित राज्यों की विधानसभाओं में सीएए को लागू करने के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भी पंजाब का अनुकरण कर सकते हैं जिसने अपनी विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।

सुरजेवाला ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संप्रदायवाद, कट्टरता और धर्मांधता के जीवंत प्रतीक हैं जिसका इस्तेमाल वह भारत के मूल्यों और संविधान पर हमला करने के लिए करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और शाह सीएए का प्रयोग भ्रम की स्थिति पैदा करने और विभाजन कर राज करने के लिए कर रहे हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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