कुछ राज्यों का सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना असंवैधानिक

Last Updated 20 Jan 2020 02:31:28 AM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ राज्यों द्वारा संशोधित नागरिकता कानून को लागू नहीं करने के प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक’ करार दिया और कहा कि यह सभी की जवाबदेही है कि संसद में पारित कानून को लागू करना सुनिश्चित करें।


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (File photo)

सीएए का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के साथ सीएए को मिलाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कानून का विरोध करने वालों से अपील की कि ऐसे आरोप नहीं लगाएं, जिससे लोगों के बीच अशांति फैले। वित्त मंत्री ने इन आरोपों से भी इंकार किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार नागरिकता प्रदान करने में चु¨नदा रुख अपना रही है और कहा कि पाकिस्तान के गायक अदनान सामी और पड़ोसी देशों के 3900 अन्य लोगों को पिछले छह वर्षों में नागरिकता दी गई है।

उन्होंने कहा, एक राज्य की विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। यह राजनीतिक बयानबाजी करने जैसा है। हम उसे समझ सकते हैं। लेकिन यह कहना कि वे इसे लागू नहीं करेंगे, कानून के खिलाफ है। ऐसा कहना असंवैधानिक है। केरल और पंजाब की विधानसभाओं ने सीएए को वापस लेने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किए हैं। इस कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हुए हैं।

केरल की सरकार ने भी पिछले हफ्ते सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और इसे ‘संविधान में वर्णित समता, स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाला’ घोषित करने की मांग की थी। सीतारमण ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान कुल 2838 पाकिस्तानी नागरिकों, 914 अफगान नागरिकों और बांग्लादेश के 172 लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई है। इसमें 566 मुस्लिम भी हैं। उन्होंने कहा, इसके अलावा 1964 से 2008 के दौरान श्रीलंका के 4.61 लाख तमिलों को भी नागरिकता दी गई।

भाषा
चेन्नई


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