यमुना एक्सप्रेसवे घोटाले की सीबीआई जांच शुरू
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) भूमि घोटाला मामले की जांच का जिम्मा संभाल लिया है।
यमुना एक्सप्रेसवे घोटाले की सीबीआई जांच शुरू |
एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि प्रक्रिया के अनुरूप एजेंसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी फिर से पंजीकृत की जिसमें आरोप लगाया गया है कि यीडा ने ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाले 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के आसपास विकास गतिविधियों के लिए मथुरा के सात गांवों में 57.15 हेक्टेयर भूमि के लिए 85.49 करोड़ रुपए का भुगतान किया था।
यीडा ने अपनी आंतरिक जांच में सरकारी खजाने को 126 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया था लेकिन प्राथमिकी में 85.49 करोड़ रुपए के भुगतान का जिक्र किया गया है। गुप्ता 2013-15 के दौरान सीईओ थे। वह यीडा में अतिरिक्त सीईओ और डिप्टी सीईओ के पद पर भी रहे थे। पुलिस रिपोर्ट अब सीबीआई की प्राथमिकी का हिस्सा है। भूमि 2013-2015 के दौरान उस समय खरीदी गई थी जब सपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में थी।
राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 24 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने 15 महीनों के बाद 24 अक्टूबर को इसकी जांच एजेंसी को सौंप दी थी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार को आपराधिक साजिश तथा धोखाधड़ी के आरोपों और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या है घोटाला : आरोप है कि यीडा के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश के तहत सबसे पहले किसानों से जमीन खरीदी और बाद में इसकी खरीद के चार से छह महीनों के भीतर इसे यीडा को ऊंची कीमत पर बेच दिया। इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
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