सीएए हिंसा के पीछे चरमपंथी संगठन सिमी व पीएफआई : खुफिया रिपोर्ट

Last Updated 16 Dec 2019 08:32:37 PM IST

नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में देशभर में विभिन्न स्थानों पर चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्रालय के साथ साझा की गई ताजा खुफिया रिपोर्ट में कुछ राजनीतिक दलों के साथ ही प्रतिबंधित चरमपंथी और आतंकवादी इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों सिमी और पीएफआई पर संदेह जाहिर किया गया है।


सीएए हिंसा के पीछे चरमपंथी संगठन

सूत्रों का कहना है कि पिछले हफ्ते मंत्रालय के साथ साझा की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उन लोगों की करतूत है, जो सरकार के कदम के खिलाफ हैं।

मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, "कुछ राजनीतिक दलों ने विभिन्न स्थानों पर हिंसक कृत्यों को प्रज्वलित किया, जिससे चरमपंथी और उग्रवादी इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के स्लीपर सेल को अवसर मिला।"

उन्होंने कहा, "इनका उद्देश्य देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित करना है।"

उन्होंने बताया कि चूंकि यह अधिनियम इसी तरह के राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ जाएगा, इसलिए वह देश में शांति को बाधित करना चाहते हैं।

सूत्रों ने बताया कि खुफिया रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यह हिंसा दूसरे राज्यों तक फैल सकती है।

खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएफआई, जो खुद को न्याय, स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने व लोगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध होने का दावा करता है, उसके पास राष्ट्रीय महिला मोर्चा और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया सहित विभिन्न विंग हैं, जो स्थिति का लाभ उठा सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह से सिमी जो देश में कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है, कुछ राजनीतिक दलों के समर्थन से संकट के क्षणों में अपने स्लीपर सेल को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है।

विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर सिमी को सरकार द्वारा फरवरी में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर सिमी और पीएफआई की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया गया और इसे तुरंत नियंत्रित नहीं किया जाता है तो यह अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रखेंगे। यह संगठन देश विरोधी प्रचार करके राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

यह जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर दी है, जिसमें कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं।

सूत्रों ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फर्जी व अफवाह से भरे समाचारों के प्रसार पर रोक लगाने के साथ ही हिंसा को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही तमाम अफवाहों पर कार्रवाई करने को कहा गया है।



उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिनमें से राष्ट्रीय राजधानी समेत कई राज्यों में प्रदर्शन हिंसा में बदल गए, जिससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने के साथ ही आम लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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