ये कहना गलत है कि अजित पवार के विद्रोह के पीछे मैं हूं : शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि अजित पवार के भाजपा के साथ जाने और उप मुख्यमंत्री बनने के निर्णय के पीछे वह नहीं थे और एकबार फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी।
![]() राकांपा प्रमुख शरद पवार |
सतारा जिले के कराड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे अजित पवार का है।
पवार ने कहा, ‘‘यह पार्टी का निर्णय नहीं है और हम इसका समर्थन नहीं करते।’’
राज्य में राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना के सरकार गठन करने के फैसले पर पवार ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे।’’
राज्य में राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना की सरकार बनने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि (गठबंधन) महाराष्ट्र में सरकार बनाएगा।’’
उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार के साथ वह सम्पर्क में नहीं हैं, जिन्होंने राकांपा के खिलाफ बगावत की है।
अजित पवार को राकांपा से बर्खास्त करने के सवाल पर पवार ने कहा कि पार्टी स्तर पर यह निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी थी। अजित ने राज्य में स्थायी सरकार बनाने की बात कहते हुए भाजपा को समर्थन दे दिया था।
राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ मैंने अपने 50 साल के राजनीतिक करियर में कई घटनाएं देखी हैं। कठिनाइयां आती हैं, लेकिन वह अस्थायी होती हैं और मेरा अनुभव है कि राज्य के लोग मजबूती से इस स्थिति का सामना करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि जब तक उनके पास युवकों का समर्थन है उन्हें किसी चीज की चिंता नहीं है।
इससे पहले पवार ने महाराष्ट्र के कराड में पहुंचकर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंत राव चव्हाण को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
पवार आज सुबह पड़ोसी जिले सतारा में कराड स्थित चव्हाण के स्मारक ‘प्रीतिसंगम’ पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की।
उनके साथ सतारा से राकांपा के लोकसभा सदस्य श्रीनिवास पाटिल भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि राकांपा नेता अजित पवार अप्रैल 2013 में राज्य में सूखे पर दिए अपने कुछ बयानों के मद्देनजर चव्हाण के स्मारक पर एक दिन के अनशन पर बैठे थे, जो अभी पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर महाराष्ट्र में भाजपा सरकार को समर्थन कर रहे हैं।
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