सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, महाराष्ट्र सरकार, फडणवीस, अजित पवार को नोटिस जारी किए
उच्चतम न्यायालय ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती देने वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर रविवार को केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किए।
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महाराष्ट्र में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया कि राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा इस्तेमाल किए गए समर्थन पत्रों को अदालत में प्रस्तुत किया जाए।
शीर्ष अदालत ने आदेश पारित करते हुए सरकार को सोमवार सुबह 10.30 बजे तक समर्थन पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा है।
न्यायमूर्ति एन.वी रमना, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत राज्य में सरकार बनाने के लिए फडणवीस को आमंत्रित करने के राज्यपाल के आदेश की जांच के बाद तत्काल बहुमत सिद्ध करने वाली शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) की याचिका पर फैसला करेगी।
इस मामले पर आगे की सुनवाई 25 नवंबर को सुबह 10.30 होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह राज्यपाल से दस्तावेजों का अनुरोध कर सके।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ के समक्ष कहा कि याचिकाकर्ता 19 दिनों से सो रहे थे, और अब वे शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर आज ही फ्लोर टेस्ट (बहुमत सिद्ध) कराने की मांग कर रहे हैं।
रोहतगी ने कहा, "मैं सभी तथ्यों को सामने लेकर आऊंगा, मुझे दो तीन दिन की मोहलत दें।"
कांग्रेस और राकांपा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि या तो अदालत को फ्लोर टेस्ट का आदेश देना चाहिए या भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए कहा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को रविवार या सोमवार तक करवाने के लिए निर्देश दिए जाने चाहिए।
पीठ ने आदेश पारित करने के लिए सॉलिसिटर जनरल से सोमवार सुबह साढे दस बजे राज्यपाल के पत्र पेश करने को कहा।
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