कश्मीर में स्थिति सामान्य, जल्द बहाल की जाएगी इंटरनेट सेवा : शाह

Last Updated 20 Nov 2019 01:44:47 PM IST

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से पुलिस की गोलीबारी में किसी नागरिक की मौत नहीं हुई है।


 में जल्दी ही इंटरनेट सेवा शुरू कर दी जाएगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कश्मीर में किसी भी थाना क्षेत्र में धारा 144 लागू नहीं है। केवल कुछ थाना क्षेत्रों में रात आठ बजे लेकर सुबह छह बजे में कुछ प्रतिबंध लागू हैं। उन्होंने कहा कि घाटी में तेजी से हालात सामान्य हो रहे हैं। क्षेा में मोबाइल फोन सेवा शुरू कर दी गयी है।

उन्होंने कहा कि सरकार यह मानती है कि इंटरनेट सेवा बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन देश और नागरिकों की सुरक्षा इससे भी ज्यादा जरुरी और महत्वपूर्ण है। घाटी में पड़ोसी देश और अन्य तत्वों की हरकतों से सभी वाकिफ हैं इसलिए इंटरनेट सेवा को बहाल नहीं किया गया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध स्थानीय प्रशासन की सिफारिशों के अनुरूप हैं। इस प्रतिबंध को स्थानीय प्रशासन की सिफारिश पर हटा लिया जाएगा।

शाह ने कहा कि सरकार के लिए देश और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि  हैं। सरकार की  नीति का ही परिणाम है कि पांच नवंबर के बाद से घाटी में एक भी व्यक्ति की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है।

घाटी में हालात सुधरने का  ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर की स्थिति के संबंध में झूठ  फैलाया जा रहा है। कश्मीर में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। अस्पताल में  और उनके पास की दुकानों में दवाईयां उपलब्ध हैं। इसके लिए मोबाइल वैन के  जरिए भी दवाओं का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर 24 घंटे के भीतर कश्मीर के किसी भी हिस्से में दवायें उपलब्ध करा दी जाती हैं।
  
उन्होंने कहा कि घाटी में स्कूल और कॉलेज खुल गये हैं। दुकाने खुल रही हैं। बैंकिंग सेवा ठीक प्रकार से चल रही है। सरकारी कार्यालयों और अदालतों में सामान्य कामकाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि घाटी में से अधिकतम सेब की खरीद की जा चुकी हैं। क्षेा में सामान्य आपूर्ति में आठ से 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

शाह ने कहा कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आयी है। जेलों में पिछले साल की तुलना में कम लोग बंद हैं। वर्तमान केवल 609 व्यक्ति जेलों में बंद हैं जिनमें से 218 पत्थरबाज हैं।

 

वार्ता
नई दिल्ली


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