जम्मू कश्मीर की स्थिति, अब्दुल्ला की हिरासत पर लोकसभा में हंगामा

Last Updated 18 Nov 2019 04:12:04 PM IST

विपक्ष ने जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला की गिरफ्तारी को लेकर गृह मंत्री से बयान देने तथा लोकसभा अध्यक्ष से अपने अधिकार का प्रयोग करके सदन में बुलवाने का आग्रह किया।


लोकसभा मे कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी

जम्मू कश्मीर की स्थिति पर प्रश्नकाल में इस मामले को लेकर हंगामा कर रहे विपक्ष के नेताओं को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शून्यकाल में अपनी बात रखने का मौका दिया।
              
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पांच अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला हिरासत में नहीं हैं, उनकी सेहत खराब है। पर सच यह है कि वह 108 दिन से हिरासत में हैं। ये क्या अन्याय और क्या जुल्म है। उन्होंने कहा कि श्री अब्दुल्ला और श्री पी चिदंबरम को सदन में लाया जाये, सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना उनका अधिकार है।
              
श्री चौधरी ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि हम कश्मीर जाएं। श्री राहुल गांधी को हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था लेकिन यूरोप से कुछ ‘किराये के टट्टू’ लाकर कश्मीर घुमाया गया। यह भारत के सभी सांसदों का अपमान है। सरकार कहती है कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है लेकिन सरकार ही इसका अंतर्राष्ट्रीय करण कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने आपरेशन कर दिया है और मरीज मर चुका है। हम चाहते हैं कि इस पर विस्तार से चर्चा हो।’’
              
श्री चौधरी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की विशेष सुरक्षा बल (एसपीजी) की सुरक्षा समाप्त करने को लेकर भी सवाल किया और पूछा कि ये किस कसूर के कारण किया गया है।
             
द्रविड़ मुने कषगम (द्रमुक) के नेता टी आर बालू ने कहा कि श्री अब्दुल्ला को गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखा गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन ने कहा कि श्री अब्दुल्ला को जनसुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखा गया है और उनकी रिहाई के लिए अदालत का आदेश जरूरी नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष प्रशासनक को सीधे आदेश देकर श्री अब्दुल्ला को सदन में बुलवाने के लिए कह सकते हैं।


              
लोकसभा अध्यक्ष ने जम्मू कश्मीर का दौरा करने वाले यूरोपीय सांसदों को अपशब्द बोलने पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार से सदस्य भारत के सांसद हैं वैसे ही वे भी सांसद हैं। उनकी गरिमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर पर चर्चा के लिए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष के नेता समय तय करवा सकते हैं। वह सदन में विस्तार से चर्चा कराने के लिए तैयार हैं।

वार्ता
नयी दिल्ली


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