सबरीमाला: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच के पास भेजा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के मामले को सात सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया है। पांच सदस्यीय पीठ ने 3:2 के बहुमत में सबरीमाला मामला बड़ी पीठ को भेजा।
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) |
न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और डी.वाई. चंद्रचूड़ ने असहमति जताई, वहीं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर मामले को बड़ी पीठ के पास भेजने के पक्ष में थे।
सबरीमाला मंदिर पर पुनर्विचार की मांग कर रही याचिकाओं पर चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि याचिकाकर्ता धर्म और आस्था पर बहस फिर शुरू करना चाहते हैं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध केवल सबरीमाला तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य धर्मों में भी ऐसा है।
मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक का हवाला देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सबरीमला जैसे धार्मिक स्थलों के लिए एक समान नीति बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक मुद्दों पर सात न्यायाधीशों की पीठ को विचार करना चाहिए।
जस्टिस गोगोई ने कहा कि सबरीमाला, मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, महिलाओं में खतना जैसे धार्मिक मुद्दों पर फैसला वृहद पीठ लेगी।
हालांकि 28 सितंबर 2018 को दिए गए निर्णय पर कोई रोक नहीं लगी है, जिसमें 10 से 50 साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था।
इस आदेश के अनुसार, इस मुद्दे पर बड़ी पीठ का आदेश आने तक किसी भी आयुवर्ग की महिला मंदिर में प्रवेश कर सकती है।
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