शिवसेना को समर्थन पर कांग्रेस की बैठक, महाराष्ट्र के अपने नेताओं को दिल्ली बुलाया

Last Updated 11 Nov 2019 01:21:43 PM IST

महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं, इस विषय पर फैसला करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को यहां एक बैठक की।


कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र के अपने नेताओं को दिल्ली बुलाया है। शिवसेना का समर्थन करने के संबंध में फैसला करने के लिए पार्टी नेतृत्व शाम चार बजे फिर बैठक करेगी।

पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने अपने आवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब कांग्रेस विधायकों ने संकेत दिया है कि वे राज्य में फिर से चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं।      

महाराष्ट्र में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक फिलहाल जयपुर के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं।     

महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चौहान और प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख बालासाहेब थोराट, अहमद पटेल समेत पार्टी के शीर्ष अधिकारियों के साथ इस बैठक में शिरकत की।     

उल्लेखनीय है कि किसी विषय पर निर्णय लेने के लिहाज से सीडब्ल्यूसी कांग्रेस का शीर्ष निकाय है।     

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को राज्यपाल का आमंतण्रमिलने के बाद सरकार गठन में कांग्रेस की भागीदारी को लेकर रविवार से ही गहन चर्चा शुरू हो गई थी। राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए तब आमंत्रित किया जब भाजपा ने घोषणा की कि वह राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।      

पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ जयपुर में मुलाकात की थी और कहा था कि वे राज्य में फिर से चुनाव नहीं चाहते हैं।      
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के लिए एआईसीसी के प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के सभी विधायकों के नजरिए को सुनने के बाद उनकी भावनाओं से पार्टी प्रमुख और सीडब्ल्यूसी को अवगत करा दिया है।    

महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास राज्य में सरकार बनाने की दावेदारी करने के लिए सोमवार को शाम साढे सात बजे तक का समय है।    

सूत्रों के मुताबिक एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सोमवार को मुलाकात कर सकते हैं और शिवसेना नीत सरकार को दोनों दलों द्वारा समर्थन करने की संभावना पर चर्चा कर सकते हैं।     

खड़गे ने इससे पहले जयपुर में कहा था कि उनकी पार्टी ने राज्य में विपक्ष में बैठने का जनादेश स्वीकार कर लिया है।     

उन्होंने कहा था, ‘‘अब फैसला लेना पार्टी आलाकमान पर है, हमने यह उन पर छोड़ दिया है।’’     

उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘कुछ बयान हैं कि कुछ शिवसेना को समर्थन देने की बात कर रहे हैं और कुछ इससे इनकार कर रहे हैं, लेकिन इन बयानों में कोई तथ्य नहीं है। कांग्रेस पार्टी का रुख है कि हमें जनादेश के साथ जाना है और कांग्रेस तथा एनसीपी को विपक्ष में बैठना है।’’    

इससे पहले एनसीपी ने कहा था कि शिवसेना को उनकी पार्टी से समर्थन मांगने पर चर्चा करने से पहले भाजपा नीत एनडीए से बाहर होना होगा।      

शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद साझा करने के अपने वादे को पूरा करने की इच्छुक नहीं थी तो गठबंधन जारी रखने का कोई तुक नहीं था।      

विपक्षी पार्टियों से संपर्क साध रहे राउत ने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को महाराष्ट्र के हित में ‘साझा न्यूनतम कार्यक्रम’ लाने के लिए अपने आंतरिक मतभेद भुला देने चाहिए।      

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को केंद्र की एनडीए सरकार से हटने की घोषणा कर दी।

भाषा/आईएएनएस
नयी दिल्ली


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