ओवैसी बोले- सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है पर अचूक नहीं, हमें जमीन की खैरात नहीं चाहिए

Last Updated 09 Nov 2019 03:07:45 PM IST

अयोध्या मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट सबसे बड़ा है, पर अचूक नहीं।


एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरह वह भी फैसले से सहमत नहीं हैं।

ओवैसी ने कहा है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है कि इसमें तथ्यों पर आस्था की जीत हुई है।

ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद को गिराने वाले को ही ट्रस्ट बनाकर मंदिर बनाने के लिए देना न्यायालय का फैसला चौंकाने वाला है। अगर बाबरी मस्जिद नहीं शहीद की जाती तो इस मामले में न्यायालय क्या फैसला करती। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वोच्च है लेकिन ऐसा नहीं है कि उसकी आलोचना नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि उन्हें संविधान पर भरोसा है इसलिए इस मामले में कानूनी न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे। मुसलमानों की आने वाली नस्ल को यह बताना जरूरी है कि छह दिसंबर 1992 को संघ परिवार और कांग्रेस की साजिश में बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया था।

एआईएमआईएम के लोकसभा सदस्य ने कहा कि यह सर्वविदित है कि मुसलमान गरीब हैं और उसके साथ ज्यादती हुई है उसके बावजूद मुसलमान इतना लाचार और मजबूर नहीं है कि वह मस्जिद बनाने के पांच एकड़ जमीन नहीं खरीद सकता है। हमें किसी से जमीन भीख लेने की जरूरत नहीं। मेरी व्यक्तिगत राय है कि पांच एकड़ जमीन लेने के फैसले को अस्वीकर करना चाहिए।

उन्होंने कहा देश हिंदू राष्ट्र के मार्ग पर चलना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी, संघ परिवार आने वाले दिनों में अयोध्या के फैसले और एनआरसी को इस्तेमाल करके हिन्दू राष्ट्र के मकसद को पूरा करेगी।

आईएएनएस/वार्ता
नई दिल्ली


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