सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा, अयोध्या फैसले का स्वागत लेकिन संतुष्ट नहीं

Last Updated 09 Nov 2019 12:23:19 PM IST

अयोध्या मामले के प्रमुख पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान व्यक्त करते हुए कहा है कि वे इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और फैसला पढने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।




सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी

जबकि निर्मोही अखाडा ने फैसले का स्वागत किया  है और कहा है कि  अदालत ने पिछले 150 साल से चली आ रही उनकी लड़ाई को  स्वीकार किया है और  उन्हें मंदिर के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा  बनाये जाने वाले न्यास में प्रतिनिधित्व दिया है और इसके लिए वह  न्यायालय  के कृतज्ञ हैं।         

सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब  जिलानी ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय  संविधान पीठ का फैसला आने के बाद शनिवार को यहां न्यायालय परिसर में  संवाददाताताओं से कहा कि वह फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन इससे संतुष्ट  नहीं हैं। न्यायालय का विस्तृत फैसला पढने के बाद पढने के बाद आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।

निर्मोही अखाडे के प्रवक्ता कार्तिक  चोपड़ा ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के प्रति कृतज्ञ हैं कि उसने उनके  संघर्ष  को स्वीकार किया और राम मंदिर बनाने के निर्माण के लिए केंद्र  सरकार द्वारा गठित किये जाने वाले न्यास में उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।

हिंदू महासभा के अधिवक्ता वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला  है और उच्चतम न्यायालय ने अनेकता में एकता का संदेश दिया है।

वार्ता
नई दिल्ली


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