प्रदूषण का कहर: दिल्ली में हेल्थ इमर्जेंसी, स्कूल 5 नवंबर तक बंद

Last Updated 01 Nov 2019 03:05:36 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दम घोंटू प्रदूषण के विकराल रूप को देखते हुए शुक्रवार को सरकार ने दिल्ली के सभी स्कूलों को पांच नवंबर तक बंद करने का ऐलान किया है।


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि प्रदूषण की वजह से दिल्ली के सभी स्कूल पांच नवंबर तक बंद रहेंगे।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली में पराली के बढ़ते धुएं के चलते प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली के सभी स्कूल पांच नवंबर तक बंद रहेंगे।’’

ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी की घोषणा की

उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जन स्वास्थ्य आपातकाल (पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी) की घोषणा करते हुए पांच नवम्बर तक सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया।     

पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रदूषण के ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की वजह से पूरी ठंड के दौरान आतिशबाजी करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया।   

ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि गुरुवार की रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और वह अब ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है।     

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘हम इसे एक जन स्वास्थ्य आपातकाल की तरह ले रहे हैं क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा, विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर।’’    

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पांच नवम्बर तक निर्माण कार्य, ‘हॉट मिक्स प्लांट’ और ‘स्टोन क्रशर’ (पत्थर तोड़ने की मशीनें) बंद रहेंगे।     

देश की राजधानी पर छायी जहरीली धुंध शुक्रवार की सुबह और गहरी हो गई।      

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, शुक्रवार को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दोपहर एक बजे 480 रहा था।     

एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’ माना जाता है।     

पहले ईपीसीए ने दो नवम्बर तक शाम छह से सुबह 10 बजे के बीच में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी। अब दिन में भी कोई निर्माण कार्य नहीं होगा।     

ईपीसीए ने फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, बहादुरगढ, भिवंडी, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, पानीपत में सभी कोयला और तेल आधारित उद्योगों को पांच नवम्बर की सुबह तक काम बंद रखने का निर्देश दिया है।     

दिल्ली में जो उद्योग प्राकृतिक गैस के लिए पाइप का इस्तेमाल नहीं कर रहे है, वे भी इस दौरान बंद रहेंगे।     

भूरे लाल ने कहा, ‘‘पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध होगा। हमें पता है कि त्यौहार आते हैं और दिवाली की बात करें तो सभी प्रयासों के बावजूद बहुत ज्यादा पटाखे फोड़े गए। हवा में विषाक्त पदार्थों के संचय के कारण यह कदम उठाने की जरूरत है।’’     

उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी है कि कार्यान्वयन एजेंसियां प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं, क्योंकि इससे पहले से प्रदूषित हवा और ज्यादा खराब होगी।     

भूरे लाल ने कहा, ‘‘इसके लिए प्लास्टिक और कचरा जलाने से लेकर धूल प्रदूषण तक, स्थानीय प्रदूषण के सभी मामलों के खिलाफ कड़ी सतर्कता बरते जाने और दंडात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मैं यह कहने के लिए विवश हूं कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, स्थानीय प्रदूषण के कई उदाहरण हैं और इसीलिए, सतर्क रहने तथा कड़े कदम उठाने की जरूरत है।’’

वार्ता/भाषा
नयी दिल्ली


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