चीन को भारत का करारा जवाब : जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला
जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले पर आपत्ति को लेकर चीन पर पलटवार करते हुए भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुनर्गठन पूरी तरह उसका आंतरिक मामला है तथा वह ऐसे विषयों पर अन्य देशों से टिप्पणी की अपेक्षा नहीं करता।
![]() विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (file photo) |
भारत ने यह भी कहा कि चीन ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने का फैसला किया था तथा जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के हवाले से एक बयान में कहा गया, ‘उसने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के भारतीय क्षेत्रों पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।’ चीन के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमार ने कहा कि बीजिंग को इस विषय पर भारत के सतत तथा स्पष्ट रुख की भलीभांति जानकारी है।
चीन ने बताया था गैरकानूनी और अमान्य
चीन ने जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के कदम पर बृहस्पतिवार को आपत्ति जताई और इसे ‘गैर कानूनी और अमान्य’ बताया। चीन ने कहा कि अपने प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में चीन के कुछ क्षेत्र को ‘शामिल’ करने संबंधी भारत के फैसले ने बीजिंग की संप्रभुता को ‘चुनौती’ दी है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया से कहा कि ‘भारत ने एकपक्षीय तरीके से अपने घरेलू कानूनों तथा प्रशासनिक विभाजन को बदल लिया और चीन की संप्रभुता को चुनौती दी।’ उन्होंने कहा, यह गैर-कानूनी है तथा किसी भी तरीके से प्रभावी नहीं है।
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