अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से बोले नकवी : भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को अमेरिका के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात में कहा कि भारत में अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित हैं और सहिष्णुता एवं सामाजिक सद्भाव भारत के बहुसंख्यक समाज के डीएनए में है।
![]() केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी |
नकवी ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता विषय पर शीर्ष अमेरिकी राजदूत सैमुअल ब्राउनबैक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को अपने मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही योजनाओं एवं उनके सकारात्मक प्रभाव के बारे में भी अवगत कराया।
इस मुलाकात के बाद नकवी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण एवं रोजगारपरक कौशल विकास कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा हुई।’’
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ करीब एक घंटे तक चली मुलाकात के दौरान नकवी ने अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों, खासकर लड़कियों के शैक्षणिक सशक्तीकरण के लिए चलाए जा रहे छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के बारे में सूचित किया।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को यह जानकारी भी दी कि मोदी सरकार के प्रयासों के चलते पिछले पांच वर्षों में अल्पसंख्यकों में स्कूल की पढाई बीच में ही छोड़ देने की दर 70 फीसदी से गिरकर करीब 35 फीसदी तक पहुंच गयी है तथा इसे पूरी तरह खत्म करने के प्रयास जारी हैं।’’
मंत्रालय के सूत्र के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान नकवी ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव और सहिष्णुता भारत के बहुसंख्यक समाज के डीएनए में है तथा भारत में अल्पसंख्यकों के सामाजिक, धार्मिक एवं संवैधानिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं।
नकवी ने यह भी कहा, ‘‘भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग और पाकिस्तान नर्क है। भारत में कई भाषाएं, धर्म, आस्थाएं और संस्कृति पूरी दुनिया के लिए विविधता में एकता की मिसाल हैं।’’
सूत्रों के अनुसार, मंत्री ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को बताया कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ और अगर कहीं कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं तो उनमें कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
सूत्रों ने यह भी बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने मोदी सरकार में अल्पसंख्यकों के लिए चल रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों की सराहना की।
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