स्कूलों में काव्यपाठ को अनिवार्य बनाएं : नायडू

Last Updated 06 Oct 2019 06:39:20 PM IST

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को सभी स्कूलों से आग्रह किया कि वे काव्यपाठ को पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा बनाए। उन्होंने कहा, "मैं स्कूलों से आग्रह करता हूं कि वे काव्यपाठ को पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा बनाएं।"


उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि "मैं विश्वविद्यालयों से भी आग्रह करता हूं कि वे साहित्य, कला और मानविकी शिक्षा को प्रोत्साहित करें।"

उपराष्ट्रपति ने यहां कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में 39वें विश्व कांग्रेस के कवियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा मानना है कि ज्ञानी और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए कला और संस्कृति को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।"

नायडू ने कहा, "कवि प्रभावित करने वाले और राय देने वाले हो सकते हैं। उनके पास विचारों, भावनाओं और ²ष्टिकोण को आकार देने की अद्वितीय क्षमता होती है। मुझे पूरा यकीन है कि वे इस जबरदस्त शक्ति का इस्तेमाल करके एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं।"

उन्होंने कहा, "कलाकारों ने जीवन को जीवंत किया। कुछ ने तो हमारी जिंदगियां बदल दी। उन्होंने हमारी अनुभूति और दुनिया देखने का हमारा नजरिया दोनों को बदलकर रख दिया। कलाकार लगातार सवाल के माध्यम से समाज में सकारात्मक मूल्यों को बढ़ाने में मदद करते हैं"



उन्होंने कहा कि कविता समाज में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने और सार्वभौमिक भाईचारे को बढ़ावा देने में मदद करती है।

आईएएनएस
भुवनेश्वर


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