कश्मीर पर इमरान के दावे सच्चाई से कोसों दूर

Last Updated 03 Oct 2019 06:41:17 AM IST

जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को कहा कि पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर के हालात के बारे में जो कुछ भी कहा वह ‘झूठ का पुलिंदा’ है।


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (file photo)

राज्य सरकार ने जोर देकर कहा कि बीते अगस्त माह में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से अब घाटी में जनजीवन लगभग सामान्य हो गया है।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां एक वक्तव्य में कहा, यूएनजीए में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का संबोधन झूठ का पुलिंदा था। अर्धसत्य और जानबूझकर बोले गए झूठ के जरिए पाकिस्तान अपने खुद के आतंकी रिकॉर्ड, खासकर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को खुलेआम समर्थन से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा था। अधिकारी ने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू और पाबंदियों के बारे में खान का दावा सच्चाई से कोसों दूर है और स्थानीय प्रशासन ने असामाजिक तत्वों को किसी भी प्रकार की परेशानी खड़ी करने से रोकने के लिए कुछ हिस्सों में आवाजाही को कुछ हद तक प्रतिबंधित किया है। इसमें भी हफ्तेभर में ढील दे दी गई।

उन्होंने कहा कि ढील को धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है और इस हद तक बढ़ाया गया है कि अब लगभग पूरा राज्य पाबंदियों से मुक्त है। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं है, नागरिक, बाहरी लोग, पत्रकार और अन्य सभी यहां आ जा सकते हैं। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में वस्तुत: पाबंदियां हैं। लेकिन सचाई के आगे कुछ नहीं टिकता।
यह सड़कों पर यातायात से साबित किया जा सकता है। यातायात जाम, हवाई यातायात में यात्रियों की संख्या, अस्पतालों के सामान्य कामकाज, आवश्यक नागरिक आपूर्ति की उपलब्धता और पत्रकारों की निर्बाध आवाजाही से इसे देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा, यह तथ्य है कि सभी राजमार्ग खुले हैं, हवाई परिचालन सामान्य है और यातायात सामान्य चल रहा है, जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि ‘पाबंदियों का सिद्धांत’ एक पड़ोसी की कल्पना का हिस्सा है जो यह देखकर निराश है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य बने हुए हैं और एक गोली भी नहीं चलाई गई है।
अधिकारी ने बताया कि जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाला और आगे करगिल तथा लेह तक जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग सामान्य रूप से चल रहा है। उन्होंने कहा कि बीबीसी, वॉशिंगटन पोस्ट, न्यूयॉर्क टाइम्स, फॉरेन पॉलिसी, एपी, एएफपी, रॉयटर्स, डडब्ल्यू, अल जजीरा आदि, जिनमें से कई सरकार के आलोचक भी हैं, समेत कई प्रमुख राष्ट्रीय ¨पट्र एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के 200 से अधिक पत्रकार यहां सुगमता से रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

भाषा
श्रीनगर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment