सीमा से परे जाने की भारत की महत्वाकांक्षा नहीं : जनरल रावत
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत को अपनी सीमा से परे जाने की महत्वाकांक्षा नहीं है और वह दूसरों पर अपनी विचारधारा नहीं थोपना चाहता।
![]() सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (file photo) |
उन्होंने इसके साथ ही जोर देकर कहा कि एक जिम्मेदार उभरती हुई ताकत के रूप में भारत अपनी क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा की जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। पांच दिन के मालदीव दौरे पर गए सेना प्रमुख रावत ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग पर वहां के शीर्ष रक्षा अधिकारी से विस्तृत चर्चा की और बुधवार को उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात की।
मालदीव की राजधानी माले में रणनीतिक विशेषज्ञों एवं रक्षा कर्मियों को संबोधित करते हुए रावत ने कहा, ‘‘ हमारी रणनीतिक संस्कृति दो प्रमुख आधारों पर चलती है। पहली हमारी अपनी सीमा से परे जाने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, दूसरी अपनी विचारधारा दूसरे पर थोपने की कोई इच्छा नहीं है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत रणनीतिक स्वतंत्रता और फैसले लेने में स्वायत्तता की प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा। पाकिस्तान का नाम लिए बिना सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल जम्मू-कश्मीर में दैनिक आधार पर छद्म युद्ध का सामना कर रहे हैं और भारत के पास पड़ोस से उत्पन्न सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए सैन्य क्षमता हासिल करने का अधिकार सुरक्षित है। जनरल रावत ने आतंकवाद को दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती करार दिया।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में अस्थिरता से अधिकतर देशों की ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित होगी जो प्रमुख मुद्दा है। यह वैश्विक तनाव बढ़ाएगा और अशांति पैदा करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘मैं आश्वस्त हूं कि अगर हम मित्रों के साथ मिलकर काम करें, तो क्षेत्रीय शांति को खतरा उत्पन्न करने वालों को निष्क्रिय कर सकते हैं।’ समुद्र में चुनौती पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, हिन्द महासागर क्षेत्र के व्यापारिक मार्ग में किसी भी तरह की बाधा भारत और मालदीव दोनों के लिए चुनौती उत्पन्न करेगी। रावत ने कहा, ‘हिन्द महासागर क्षेत्र दोनों देशों के लिए जीवनरेखा है।’
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