बाबुल सुप्रियो बोले, मेरा विरोध करने वालों को मानसिक इलाज की जरूरत
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने उनके खिलाफ यहां एक विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने वाले छात्रों को कायर और गुंडा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके साथ उस तरह से पेश नहीं आया जा सकता जैसा उन्होंने किया बल्कि उनके मानसिक इलाज की जरूरत है ताकि वे छात्रों की तरह व्यवहार करें।
बाबुल सुप्रियो (फाइल फोटो) |
जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में 19 सितंबर को अपने साथ हुई बदसलूकी की तस्वीरें पोस्ट करते हुए केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने कहा कि उन पर हमला करने में कौन शामिल था यह बहुत जल्द पता चल जाएगा।
सुप्रियो ने शुक्रवार की दोपहर बदसलूकी की तस्वीरें पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘‘इन कायरों को जादवपुर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल नहीं करने दिया जाएगा..आपको हम तलाश लेंगे चिंता मत करिए, आपके साथ उस तरीके से नहीं पेश आया जाएगा जैसे आप मेरे साथ आए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आपका मानसिक रूप से इलाज करेंगे ताकि आप और आपके गुंडे दोस्त उस तरह से व्यवहार करें जैसा कि विद्यार्थियों को करना चाहिए..।’’
We shall rehabilitate you ‘mentally’ so that you & your Hooligan Friends (all footages available with the media) behave like you are supposed to behave as students .. till then. (2/2) @BJP4Bengal @BJYM @ABVPVoice #JadavpurUniversity pic.twitter.com/tDXEZfRVt3
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 20, 2019
उनके बाल खींच रहे एक छात्र की तस्वीर की ओर इशारा करते हुए सुप्रियो ने एक अन्य ट्वीट कर यह सवाल किया कि ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार बिना किसी उकसावे के उन पर (सुप्रियो) हमला करने वाले छात्र के खिलाफ क्या कदम उठाएगी।
बता दें कि बाबुल सुप्रियो को जादवपुर विश्वविद्यालय में गुरुवार को काले झंडे दिखाए गए और कुछ छात्रों ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें कैंपस से बाहर निकलने से भी रोका गया। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फौरन कैंपस पहुंचना पड़ा।
सुप्रियो आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करने विश्वविद्यालय पहुंचे थे।
विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल जो जेयू के कुलाधिपति भी हैं, उन्हें भी एसएफआई, एएफएसयू, आइसा समेत वामपंथी विचारधारा से प्रभावित संगठनों और तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन (टीएमसीपी) के भी कुछ सदस्यों का विरोध झेलना पड़ा।
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