60 साल में असफल रहे 40 प्रतिशत चंद्र मिशन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के तथ्यों के मुताबिक, पिछले छह दशक में शुरू किए गए चंद्र मिशन में सफलता का अनुपात 60 प्रतिशत रहा है।
60 साल में असफल रहे 40 प्रतिशत चंद्र मिशन (फाइल फोटो) |
नासा के मुताबिक, इस दौरान 109 चंद्र मिशन शुरू किए गए, जिसमें 61 सफल हुए और 48 असफल रहे। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को उतारने का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो सका। लैंडर का अंतिम क्षणों में जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पूरी तरह सुरक्षित और सही है।
इस साल इस्रइल ने भी फरवरी 2018 में चंद्र मिशन शुरू किया था, लेकिन यह अप्रैल में नष्ट हो गया था। वर्ष 1958 से 2019 तक भारत के साथ ही अमेरिका, यूएसएसआर (रूस), जापान, यूरोपीय संघ, चीन और इस्रइल ने विभिन्न चंद्र अभियानों को शुरू किया। पहले चंद्र अभियान की योजना अमेरिका ने 17 अगस्त, 1958 को बनाई, लेकिन पाइनियर 0 का लॉन्च असफल रहा। पहला सफल चंद्र अभियान चार जनवरी 1959 में यूएसएसआर का लूना 1 था।
यह सफलता छठे चंद्र मिशन में मिली। एक साल से थोड़े अधिक समय के भीतर अगस्त 1958 से नवंबर 1959 के दौरान अमेरिका और यूएसएसआर ने 14 अभियान शुरू किए। इनमें से सिर्फ 3 - लूना 1, लूना 2 और लूना 3 - सफल हुए। ये सभी यूएसएसआर ने शुरू किए थे। इसके बाद जुलाई 1964 में अमेरिका ने रेंजर 7 मिशन शुरू किया, जिसने पहली बार चंद्रमा की नजदीक से फोटो ली। रूस द्वारा जनवरी 1966 में शुरू किए गए लूना 9 मिशन ने पहली बार चंद्रमा की सतह को छुआ और इसके साथ ही पहली बार चंद्रमा की सतह से तस्वीर मिलीं। पांच महीने बाद मई 1966 में अमेरिका ने सफलतापूर्वक ऐसे ही एक मिशन सव्रेयर-1 को अंजाम दिया। अपोलो 11 अभियान एक लैंडमार्क मिशन था, जिसके जरिए इंसान के पहले कदम चांद पर पड़े। तीन सदस्यों वाले इस अभियान दल की अगुवाई नील आर्मस्ट्रांग ने की। वर्ष 1958 से 1979 तक केवल अमेरिका और यूएसएसआर ने ही चंद्र मिशन शुरू किए। इन 21 वर्षों में दोनों देशों ने 90 अभियान शुरू किए। इसके बाद जपान, यूरोपीय संघ, चीन, भारत और इस्रइल ने भी इस क्षेत्र में कदम रखा।
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