भूटान का दो दिवसीय दौरा समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री लौटे स्वदेश

Last Updated 18 Aug 2019 04:49:43 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश भूटान की दो दिन की सफल यात्रा के बाद रविवार को स्वदेश लौट आयें। इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पड़ोसी देश भूटान की दो दिन की सफल यात्रा के बाद रविवार को स्वदेश लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वागत किया।

यात्रा के दौरान श्री मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की। दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रो में भागीदारी और सहयोग बढ़ाने के विभिन्न करारों पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और न्यायिक क्षेत्रो में सहयोग के करारों पर हस्ताक्षर किये गये। उन्होंने श्री शेरिंग के साथ मिलकर 7200 मेगावाट की मेंगदेछू पनबिजली परियोजना का भी उद्घाटन किया। दोनों नेताओं ने भारत के नेशनल नोलिज नेटवर्क और भूटान के ड्रक रिसर्च और एज्युकेशन नेटवर्क के बीच संपर्क कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया। श्री मोदी ने भारत के रूपे कार्ड को भी लांच किया। सिंगापुर के बाद भूटान दूसरा देश है जहां रूपे कार्ड लांच किया गया है।

भूटान से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, ‘‘धन्यवाद भूटान ! यह यादगार दौरा रहा। इस शानदार देश के लोगों से मुझे जो मोहब्बत मिली है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यहां कई ऐसे कार्यक्रम हुए जिनमें मुझे हिस्सा लेने का गौरव प्राप्त हुआ। इस यात्रा के परिणामस्वरूप द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ होंगे।’’      

मोदी शनिवार को भूटान पहुंचे थे। मोदी का भूटान का यह दूसरा और इस साल मई में दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पहला दौरा था।    

थिंपू में प्रवास के दौरान मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग के साथ शनिवार को व्यापक चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढाने के कदमों पर भी चर्चा की।      

मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच दस क्षेत्रों में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये गए। इनमें अंतरिक्ष अनुसंधान, विमानन, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र शामिल हैं।       

प्रधानमंत्री ने शनिवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की तथा भारत-भूटान की साझेदारी को आगे ले जाने वाले ‘‘अनुकरणीय’’ विचारों का आदान-प्रदान किया। बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के चौथे नरेश जिग्में सिंघे वांगचुक से मुलाकात की तथा भारत और भूटान के संबंधों को मजबूत करने के उनके निरंतर एवं अनोखे मार्गदर्शन के लिए उनकी सराहना की।      

प्रधानमंत्री ने रविवार को प्रतिष्ठित रायल यूनिवर्सिटी आफ भूटान के छात्रों को संबोधित किया और उनसे अपने देश को नयी ऊंचाईयों पर लेने के लिए कठिन मेहनत करने के लिए कहा।      

उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी दो देश एक-दूसरे को इतनी अच्छी तरह से नहीं समझते हैं या न ही साझा करते हैं जितना भारत और भूटान के बीच होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दोनों देश अपने नागरिकों की समृद्धि के लिए ‘‘प्राकृतिक साहयोगी’’ हैं।   

  

प्रधानमंत्री ने भूटान में विपक्ष के नेता पेमा ग्यामतोशे से रविवार को मुलाकात की और द्विपक्षीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की।      

प्रधानमंत्री के सम्मान में भूटान नरेश ने एक भोज दिया। इसके साथ ही मोदी की भूटान यात्रा संपन्न हो गयी।

भाषा
थिंपू


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