अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती से कश्मीर घाटी में बढ़ी बेचैनी
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के श्रीनगर दौरे के बाद अर्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां कश्मीर में तैनात किए जाने के फैसले के कारण जहां घाटी के राजनीतिक दलों में हड़कंप मचा हुआ है।
![]() अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती से कश्मीर घाटी में बढ़ी बेचैनी (file photo) |
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अनुच्छेद 35ए व 370 को लेकर दिए गए तिमिलाहटपूर्ण बयान के बाद रविवार को पीडीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस पर एक बड़ा विवादित ब्यान दिया है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड करना बारूद को हाथ लगाने के समान होगा। मुफ्ती ने धमकीपूर्ण अंदाज में यह भी कहा कि जो हाथ 35ए के साथ गड़बड़ करने के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं समूचा जिस्म जलकर राख हो जाएगा। वह श्रीनगर में बोल रही थीं।
करीब 10 हजार सुरक्षाबलों को भेजे जाने के कदम पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि राज्य पुलिस प्रमुख का कहना है कि उनकी ओर से यात्रा के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की दो सौ कंपनियों की मांग की गई थी, जिनमें से ये सौ कंपनियां घाटी भेजी जा रही हैं। परंतु सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का मानना है कि चूंकि अभी तक पवित्र अमरनाथ यात्रा कामयाब चल रही है, जबकि इस बार श्रद्धालुओं की आमद भी गत वर्षो की अपेक्षा ज्यादा बनी हुई है। आधी यात्रा के गुजर जाने के बाद अर्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां अब भेजने से ऐसा लगता है कि कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठाने से पहले इन कंपनियों को ला एंड आर्डर के मद्देनजर यहां भेजा जा रहा है।
कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि जिस प्रकार राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भ्रष्टाचार में लिप्त सूबे के कुछ बड़े नेताओं के खिलाफ उचित एवं कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। यदि उनकी गिरफ्तारी की जाती है, तो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। बहरहाल, अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती ने विशेषकर घाटी के नेताओं की नींद उड़ाकर रख दी लगती है।
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