संसद ने आरटीआई संशोधन विधेयक को दी मंजूरी

Last Updated 26 Jul 2019 06:06:25 AM IST

आखिरकार राज्यसभा में बृहस्पतिवार को हंगामेबाजी और विपक्ष के बहिर्गमन के बीच सूचना अधिकार संशोधन (आरटीआई) बिल ध्वनिमत से पारित हो गया।


संसद ने आरटीआई संशोधन विधेयक को दी मंजूरी

विपक्ष का आरटीआई बिल को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव सदन में गिर गया। इस प्रस्ताव पर हुए मत विभाजन में पक्ष में 75 मत जबकि विरोध में 117 मत पड़े। हालांकि मत विभाजन के दौरान कुछ क्षण के लिए अफरा-तफरी और धक्का-मुक्की का भी नजारा देखने को मिला। मतदान के दौरान उत्पन्न स्थिति को देखते हुए प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद ने लोकतंत्र को समाप्त करने का भाजपा पर आरोप लगाया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। लिहाजा, राज्यसभा में बिल पारित होने के बाद इस पर संसद की मुहर लग गई।

दरअसल, आरटीआई बिल को प्रवर समिति को भेजे जाने पर विपक्ष बुधवार से ही लगा हुआ था। राज्यसभा में बुधवार को जब इस बिल को कार्यावलि में सूचीबद्ध किया गया था तो भी विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस पर आपत्ति की थी। राज्यसभा में बृहस्पतिवार दोपहर दो बजे जब केंद्रीय राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने आरटीआई बिल को सदन में चर्चा और पारित के लिए पेश किया तो विपक्षी दल इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग पर अड़ गये। उनका कहना था कि इस बिल को प्रवर समिति को भेजने के लिए विपक्षी दलों ने प्रस्ताव दिया है इसलिए इस पर पहले आसन को निर्णय देना चाहिए।

हालांकि इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने अपनी-अपनी बात रखी है और इस बाबत नियमों का हवाला दिया। इस मुद्दे पर उप सभापति हरिवंश ने कहा कि बिल पर चर्चा होने के बाद बिल पारित कराने से पहले प्रवर समिति के प्रस्ताव पर मतदान करा लिया जाएगा। अभी चर्चा को जारी रखा जाए। लेकिन इस बात पर विपक्षी दल नहीं माने और हंगामा और नारेबाजी करनी शुरू कर दी। आसन के सामने हंगामा कर रहे सदस्यों के कागज भी फाड़े और उन्हें हवा में उड़ाया। सदन में हंगामा होने के कारण कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है। इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्य आरटीआई बिल पर अपनी बात रखते रहे।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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