कर्नाटक: BJP सत्ता में वापसी को तैयार, विधायक दल की बैठक आज

Last Updated 24 Jul 2019 09:48:06 AM IST

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर पहली बार कर्नाटक में सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बाद अगले कुछ दिनों में सत्ता में वापसी के लिए तैयार है।


बीएस येद्दियुरप्पा

जनता दल(सेक्युलर)- कांग्रेस गठबंधन सरकार मंगलवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने में विफल रही और इस तरह से पिछले छह दिनों से चल रहे सियासी नाटक का अंत हो गया।

अब भाजपा जल्द से जल्द सरकार बनाने का दावा पेश करने के मूड में है। इसके लिए बुधवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला हो सकता है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने 18 जुलाई को सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने मतदान टालने की भरसक कोशिश की जिसके कारण राज्य में छह दिनों तक अनिश्चितता की स्थिति बनी रही।

कुमारस्वामी तमाम प्रयासों के बावजूद सरकार बचाने में सफल नहीं हो सके और मंगलवार को छह मतों से उनकी सरकार गिर गयी। सदन में विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 99 और विपक्ष 105 वोट पड़े।

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 110 सीटें मिली थी और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता बी. एस. येद्दियुरप्पा ने पांच निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कर्नाटक में पहली बार भाजपा की सरकार बनायी थी।

साल 2010 में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण येद्दियुरप्पा को अपने पद से हटना पड़ा था। उन्हें 23 दिनों तक न्यायिक हिरासत में भी रहना पड़ा था।

येद्दियुरप्पा की जगह पार्टी के वरिष्ठ नेता डी. वी. सदानंद गौड़ा ने सत्ता की कमान संभाली, लेकिन पार्टी में गतिरोध के कारण उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

येद्दियुरप्पा के पार्टी छोड़ने और कर्नाटक जनता पार्टी नाम से नयी पार्टी बनाने के कारण 2013 में हुए विधानसभा चुनाव पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी।

येद्दियुरप्पा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभाव में भाजपा में वापस लौटे और 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी। पार्टी को 104 सीटें मिली, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आकड़े 113 को हासिल नहीं कर पायी, जिसके कारण विपक्ष में बैठना पड़ा। 

इसके बाद मोदी की लहर में पार्टी ने लोकसभा चुनावों में राज्य की 28 सीटों में से 25 सीटों पर जीत हासिल की और उसका विश्वास एक बार फिर लौटा। भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव मनोबल को बढ़ाने वाला साबित हुआ। कर्नाटक की गठबंधन सरकार सहयोगियों के मतभेदों का सामना कर रही 14 महीने पुरानी जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार का मंगलवार को पतन हो गया। इस तरह से भाजपा के एक बार फिर सत्ता में वापसी हो रही है और येद्दियुरप्पा एक बार फिर सत्ता की बागडोर संभाल सकते हैं।

समयलाइव डेस्क/वार्ता
बेंगलुरू


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