सरकार को भी आचरण सुधारने की दे डाली नसीहत
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सरकार को भी आचरण सुधारने की नसीहत दे डाली है। मंत्रियों की सदन में गैरहाजिरी पर उन्होंने सरकार को जता दिया है कि ऐसा रवैया आगे नहीं चलने वाला।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू (फाइल फोटो) |
मंगलवार को सभापति ने कहा कि मंत्री जरूरी काम की व्यस्तता बताकर दूसरे मंत्रियों के भरोसे अपना काम छोड़कर चले जाते हैं, यह व्यवहार ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों को यकायक बेहद जरूरी काम आ सकता है पर इसके लिए सभापति को ही सूचना न हो यह भी ठीक नहीं है। सभापति ने सरकार को कहा कि उसकी तरफ से पूर्व सूचना का शिष्टाचार तो निभाया ही जाना चाहिए। उनके ऐसा कहने से जाहिर हुआ है कि वह सरकार के व्यवहार से खुश नहीं हैं। सभापति ने सरकार को चेताया कि उन्हें निश्चित तरीके से मंत्रियों की गैर हाजिरी की सूचना हर हाल में मिलनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी मंत्री को अकस्मात काम आ गया है और उसके स्थान पर दूसरा मंत्री पटल पर कोई कागज प्रस्तुत करने वाला है तो संसदीय कार्य मंत्री के जरिए उनसे लिखित अनुमति ली जाए।
सभापति ने मंत्रियों को चेताया कि जिन मंत्रियों के नाम पटल पर कागज रखने के लिए सूची में होते हैं,उनका सदन में दूसरे मंत्रियों से बातचीत में मशगूल रहना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के मंत्री नए हैं और नियमों से परिचित नहीं हैं तो उन्हें सदन के नियमों का अध्ययन करना चाहिए। सभापति ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कार्यवाही के दौरान मंत्रियों के पास आकर सदस्यों का बात करना भी उन्हें पसंद नहीं है।
उन्होंने कहा है कि जिन सदस्यों को मंत्रियों से काम है,वह उनसे सदन के बाद जाकर मिलें। सभापति ने यह भी कह दिया है कि उनसे सदन में पहुंचने से पहले मंत्रियों और सांसदों को अपनी सीट पर नजर आना चाहिए। कार्यवाही के दौरान मंत्रियों और सांसदों का अपनी सीट से अलग जाकर बैठने, बात करते रहने अथवा यहां-वहां घूमना उन्हें बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं है।
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