आधार संशोधन बिल लोकसभा में पेश
सरकार ने आधार का दुरुपयोग रोकने तथा लोगों की निजता बरकरार रखने के कड़े प्रावधान वाला आधार संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया।
आधार संशोधन बिल लोकसभा में पेश |
विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रश्न काल के बाद आधार एवं अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया। यह विधेयक आधार एवं अन्य विधियां (संशोधन) अध्यादेश, 2019 का स्थान लेगा। राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने गत दो मार्च को संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
16वीं लोकसभा ने गत चार जनवरी को इससे संबंधित विधेयक पारित कर दिया था, लेकिन विधेयक राज्य सभा में पेश नहीं किया जा सका था। इसलिए सरकार को गत 28 फरवरी को अध्यादेश लाना पड़ा था, जिसे राष्ट्रपति ने दो मार्च को मंजूरी दी थी। संशोधन विधेयक में आधार के दुरुपयोग को रोकने तथा लोगों की निजता को बनाए रखने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। अब किसी व्यक्ति की पहचान के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने गत वर्ष अपने फैसले में आधार कानून के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर दिया था, ताकि लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जा सके और उनकी निजता को बरकरार रखा जा सके। यह विधेयक इसी के मद्देनजर लाया गया है।
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन ने संशोधन विधेयक का पुरजोर विरोध किया। प्रेमचंद्रन ने कहा कि संशोधन विधेयक उच्चतम न्यायालय के 26 सितंबर, 2018 के फैसले की आत्मा के अनुरूप नहीं है।
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