‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ समय की मांग : कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने के सरकार के प्रस्ताव को विकासोन्मुखी बताते हुये सभी सांसदों से इस पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद |
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुये सभी सांसदों का आवान किया कि वे ‘एक राष्ट्र एक साथ चुनाव’ के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करें। उन्होंने इस प्रस्ताव को विकासोन्मुखी बताते हुये कहा कि आज समय की मांग है कि इस तरह की व्यवस्था को लागू किया जाये ताकि देश का विकास तेजी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों।
उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि सभी राजनैतिक दल, राज्य और 130 करोड़ देशवासी भारत के समग्र और त्वरित विकास के लिए एकमत हैं। हमारे जीवंत लोकतां में पर्याप्त परिपक्वता आ गई है। पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के किसी न किसी हिस्से में प्राय: कोई न कोई चुनाव आयोजित होते रहने से विकास की गति और निरंतरता प्रभावित होती रही है। देशवासियों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर, अपना स्पष्ट निर्णय व्यक्त करके, विवेक और समझदारी का प्रदर्शन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज समय की मांग है कि ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे देश का विकास तेजी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों। ऐसी व्यवस्था होने पर सभी राजनैतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास तथा जनकल्याण के कार्यो में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिये बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी थी जिसमें इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिये एक समिति गठित करने का फैसला लिया गया। श्री मोदी इस समिति का गठन करेंगे। कांग्रेस सहित कई दलों ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
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