कैलास मानसरोवर यात्रा: विदेश मंत्री ने रवाना किया पहला जत्था, यात्रियों को दी ये सलाह

Last Updated 11 Jun 2019 12:43:48 PM IST

कैलास मानसरोवर की इस वर्ष की यात्रा मंगलवार से प्रारंभ हो गयी। विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर ने यहां जवाहरलाल नेहरू भवन में उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाले यात्रियों के पहले जत्थे को शुभकामनाओं के साथ विदाई दी।


विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर

विदेश मंत्री ने इस मौके पर तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कामना कि उनकी यात्रा पूर्णत: सुरक्षित और अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव से परिपूर्ण हो। उन्होंने यात्रियों को सलाह दी कि वे जत्थे के साथ जाने वाले संपर्क अधिकारियों की सुरक्षा सलाह का पूरी तरह से पालन करें।

उन्होंने कहा कि यात्रा का मार्ग जितना कठिन है, उतना ही मनोरम भी है। यात्रियों को निश्चित रूप से यात्रा में उनकी कल्पना से कहीं अधिक रोमांचकारी और आध्यात्मिक अनुभव की प्राप्ति होगी।

डॉ. जयशंकर ने या के उत्तम प्रबंधन के लिए उत्तराखंड, दिल्ली और सिक्किम की राज्य सरकारों को धन्यवाद दिया और जनवादी चीन गणराज्य की सरकार के प्रबंधों की भी सराहना की और आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि इस साल कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए 3000 से अधिक आवेदन आये थे जिनमें से 1580 लोगों को जाने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लोगों में इस तीर्थस्थल के लिए रुचि लगातार बढ़ रही है।

भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी और देश के विदेश सचिव रह चुके डॉ. जयशंकर ने अपने संबोधन की शुरुआत हिन्दी में की। संबोधन के बाद जलपान के दौरान उन्होंने यात्रियों के बीच रहकर अनौपचारिक रूप से खुलकर बातचीत भी की जिससे तीर्थयात्री काफी खुश दिखाई दिये।

लिपुलेख दर्रे से होकर 60 यात्रियों के 18 जत्थे जाएंगे जबकि सिक्किम में नाथूला दर्रे से होकर 50 यात्रियों के 10 जत्थे जाएंगे। मंगलवार को रवाना हुए जत्थे में 57 यात्री और दो संपर्क अधिकारी गये हैं।

वार्ता
नयी दिल्ली


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