राहुल के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू

Last Updated 09 Jun 2019 12:50:45 AM IST

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से निराश कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपना इस्तीफा वापस नहीं लेने पर अड़े हुए हैं। अब जबकि संसद का सत्र भी शुरू होने वाला है पार्टी के लिए यह विषम स्थिति है।


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (file photo)

राहुल को मनाने की कोशिशें नाकाम होने के बाद उनके उत्तराधिकारी का चयन करने के काम में पिछले दिनों तेजी आई है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी में दो विकल्पों पर काम चल रहा है। इनमें पहला यह कि राहुल गांधी अध्यक्ष बने रहें और रोजमर्रा के कामकाज दो कार्यकारी अध्यक्ष देखें। यदि इस पर भी राहुल नहीं मानते हैं तो फिर किसी अन्य को अध्यक्ष बनाकर उसके साथ एक अन्य को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया जाए। राहुल गांधी ने नए अध्यक्ष की तलाश करने के निर्देश के साथ यह पूरी तरह साफ कर दिया है कि उनके परिवार से कोई भी यह जिम्मेदारी नहीं संभालेगा। मतलब साफ है कि फेरबदल की इस कवायद में प्रियंका गांधी रेस से बाहर रहेंगी। पार्टी के अति विस्त सूत्रों की माने तो तो जिन नामों पर चर्चा हो रही है उनमें महाराष्ट्र से आने वाले सुशील कुमार शिंदे व दक्षिण भारत से पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकाजरुन खड़गे के नाम पर  विचार किया जा रहा है। उत्तर भारत से ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पर भी मंथन हो रहा है।
 पार्टी के अंदर कुछ नेताओं का सुझाव है कि एक कार्यकारी अध्यक्ष दक्षिण भारत से होना कांग्रेस की भविष्य की राजनति के लिए बेहतर साबित हो सकता है। पार्टी के अंदर यह भी कहा जा रहा है कि नया कार्यकारी अध्यक्ष अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से हो तो देश में अच्छा संदेश जाएगा। सूत्रों के अनुसार शिंदे के नाम पर इसलिए भी विचार किया जा रहा है क्योंकि महाराष्ट्र में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं। खड़गे की दक्षिण भारत के नेताओं में अच्छी छवि है और वह बेहद अनुभवी भी हैं।

इन सबके अतिरिक्त गांधी परिवार से उनकी निकटता भी जगजाहिर है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की इस कवायद को जल्दी से जल्दी निपटाने की बात की जा रही है जिससे कि पार्टी संगठन में भ्रम की स्थिति से ज्यादा नुकसान न होने पाए। फिलहाल जिस तरह से राज्य इकाइयों में घमासान मचा हुआ है उसके पीछे माना जा रहा है कि राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश से उपजा भ्रम भी बड़ा कारण है। राहुल गांधी अध्यक्ष के कामकाज को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। कोशिश यह की जा रही है कि ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया जाए जो न केवल गांधी परिवार के नजदीक हो बल्कि अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी स्वीकार्य हो।

प्रतीक मिश्र/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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