लवासा मामले पर कांग्रेस का आरोप: मोदी सरकार के हाथों की कठपुतली बना चुनाव आयोग
कांग्रेस ने आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के आयोग की बैठकों में शामिल नहीं होने से जुड़ी खबरों को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि यह संवैधानिक संस्था मोदी सरकार के हाथों की कठपुतली बन गई है।
रणदीप सुरजेवाला (फाइल फोटो) |
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘लोकतंत्र के लिए एक और काला दिन। चुनाव आयोग के सदस्य ने बैठकों में शामिल होने से इनकार कर दिया है क्योंकि आयोग ने उनकी असहमति को रिकॉर्ड नहीं किया।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘जब चुनाव आयोग मोदी-शाह जोड़ी को क्लीनचिट देने में व्यस्त था तब लवासा ने कई मौकों पर असहमति जताई। अब उनकी असहमति को रिकॉर्ड नहीं किया जा रहा। यह संवैधानिक नियमों की दिन दहाड़े हत्या है।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग के नियमों में सर्वसम्मति पर जोर दिया गया है लेकिन सर्वसम्मति नहीं होने पर बहुमत के निर्णय की व्यवस्था भी है।‘‘ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘संवैधानिक संस्था होने की वजह से अल्पमत को भी रिकॉर्ड में लेना होता है, लेकिन मोदी-शाह जोड़ी को बचाने के लिए इस नियम की अहवेलना की जा रही है। ‘‘उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग मोदी सरकार के हाथों की कठपुतली बन गया है। उन्होंने कहा कि मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की कम से कम 11 शिकायतें दी गईं लेकिन इनको कूड़ेदान में फेंक दिया गया।
चुनाव आयोग बना मोदीजी के हाथों की कठपुतली !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 18, 2019
‘Election Commission’ has become ‘Election Omission’
Nation has to count only 5 more days to overthrow the 5 years of Mal-Governance of Modi Government!
Our Statement on Modi Govt damaging & diminishing the functioning of EC:- pic.twitter.com/WOEE7QvWIs
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘संस्थागत गरिमा धूमिल करना मोदी सरकार की विशेषता है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संवाददाता सम्मेलन करते हैं, रिजर्व बैंक के गवर्नर इस्तीफा देते हैं, सीबीआई निदेशक को हटा दिया जाता है। सीवीसी खोखली रिपोर्ट देता है। अब चुनाव आयोग बंट रहा है।’’ सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग लवासा जी की असहमति को रिकॉर्ड करके शर्मिंदगी से बचेगा?
खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपना विरोध खुलकर जाहिर कर दिया है। उन्होंने हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।
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