लोकसभा चुनाव : नमो फूड पैकेट देने से विवाद
लोकसभा सीट पर गुरुवार को हुई वोटिंग के दौरान ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मिंयों को नमो फूड पैकेट देने से विवाद हो गया।
![]() नमो फूड पैकेट देने से विवाद |
इस खाने के पैकेट पर लिखे ‘नमो’ का मतलब नरेंद्र मोदी समझकर भाजपा की तरफ से बंटवाने की चर्चा होने लगी। मीडिया में इस बात को लेकर काफी शोर-शराबा हुआ।
मामला इसलिए भी तूल पकड़ा क्योंकि गुरु वार सुबह यह थाली भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा के सेक्टर-15 ए स्थित आवास के नजदीकी पोलिंग सेंटर पर बांटी गई थी। आखिरकार पुलिस व प्रशासन ने कुछ देर बाद इसका खंडन करते हुए कहा कि यह खाना किसी भी राजनीतिक दल की तरफ से नहीं पहुंचाया गया है।
इसके लिए बुधवार शाम को पुलिस ने खुद ही ऑर्डर दिया था। इत्तेफाक यह रहा कि यह नमो ब्रांड का खाना निकला, वहीं इस बारे में नोएडा स्थित नमो रेस्तरां के मैनेजर ने बताया कि नमो का मतलब संस्कृत शब्द के नमस्कार से है। यह कंपनी 2010 से ही रजिस्र्टड है। इसलिए विवाद जैसी कोई बात नहीं है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद : जब भाजपा प्रत्याशी पोलिंग सेटर आ रहे थे तभी पहुंचे खाने के पैकेट भी आ रहे थे। गुरु वार सुबह 9 बजे मीडिया को सूचना दी गई कि भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा सेक्टर-15 ए स्थित आवास के पास वाले पोलिंग सेंटर पर वोट डालेंगे। करीब 9:30 बजे डॉ. महेश शर्मा अपनी पत्नी उमा शर्मा के साथ पोलिंग सेंटर पर पहुंचे। उसी दौरान चुनाव ड्यूटी में तैनात पुलिस की एक गाड़ी भी वहां पहुंची।
इस गाड़ी में नमो फूड्स थाली के डिब्बे रखे हुए थे। एक पुलिसकर्मी ने वहां ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मिंयों को थाली बांटनी शुरू की। उसी समय मीडिया की नजर नमो थाली के पैकेट पर पड़ी। इसके बाद वीडियो बनाई और यह आशंका जताई गई कि इसे भाजपा की तरफ से बंटवाया गया है। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा ने ही खाने के डिब्बे मंगवाए थे। इसके बाद विवाद बढ़ने लगा।
एसएसपी ने तुरंत किया खंडन : जब मामले ने तूल पकड़ा तो चुनाव आयोग ने भी डीएम से जवाब मांगा। इसके बाद एसएसपी वैभव कृष्ण ने खंडन करते हुए कहा कि चुनाव का माहौल खराब करने के लिए यह अफवाह फैलाई गई है। इस खाने के पैकेट से किसी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। पोलिंग सेंटर के नजदीकी थाना प्रभारी ने एक दिन पहले खुद ही खाने का ऑर्डर किया था।
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