..तो काशी-मथुरा विवाद नहीं उठेगा, क्या गारंटी
नदवा कालेज में रविवार को हुई आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में सदस्य इस बात से चिंतित दिखे कि अगर मुस्लिम पक्ष बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद मामले से अपनी दावेदारी वापस ले भी ले, तो इस बात की क्या गारंटी है कि हिन्दू संगठन आगे काशी व मथुरा सहित अन्य मामलों को नहीं उठाएंगे।
![]() आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड |
नदवा कालेज में रविवार को हुई आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में सदस्य इस बात से चिंतित दिखे कि अगर मुस्लिम पक्ष बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद मामले से अपनी दावेदारी वापस ले भी ले, तो इस बात की क्या गारंटी है कि हिन्दू संगठन आगे काशी व मथुरा सहित अन्य मामलों को नहीं उठाएंगे।
कसम खिलाई गई कि फैसले की जानकारी मीडिया को नहीं देंगे: बोर्ड से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बैठक में अयोध्या विवाद को लेकर गहन चिंतन-मनन हुआ, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। बैठक का आगाज बोर्ड कार्यकारिणी के सदस्य मौलाना फजलुर्रहीम ने कुरआन शरीफ की तिलावत से किया। कुरआन की तिलावत जैसे ही खत्म हुई, तो बोर्ड सदस्यों को इस बात के लिए अल्लाह पाक की कसम खिलायी गयी कि वे इस बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में मीडिया को जानकारी नहीं देंगे।
सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद को बातचीत के जरिये सुलझाने को कहा है। पर्सनल लॉ बोर्ड की सबसे बड़ी चिन्ता यह है कि अगर अयोध्या विवाद से अपना दावा खत्म कर भी ले, तो हिन्दू संगठन वाराणसी और मथुरा आदि के मामलों के लिए दबाव बनाना शुरू कर देंगे। बोर्ड के अधिकतर सदस्य चाहते हैं कि अन्य स्थानों के मंदिर-मस्जिद विवाद भी खत्म हो जाएं।
कुछ सदस्यों की राय सुप्रीम कोर्ट हल करे विवाद: सूत्र बताते हैं कि बोर्ड के कुछ सदस्य चाहते हैं कि इस मसले पर शीर्ष कोर्ट द्वारा गठित कमेटी व हिन्दू पक्ष के प्रमुख लोगों के साथ खुलकर बातचीत हो। दूसरे सदस्य यह चाहते हैं कि इस मसले का हल सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया जाए। कोर्ट जो फैसला दे, उसका दोनों पक्ष सम्मान करें।
30 सदस्य शरीक हुए बैठक में: बैठक की अध्यक्षता पर्सनल लॉ बोर्ड के चेयरमैन मौलाना राबे हसनी नदवी ने की। बैठक में उपाध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी, महासचिव मौलाना वली रहमानी, सचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह व जफरयाब जीलानी, लखनऊ ईदगाह के शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, वरिष्ठ अधिवक्ता यूसुफ मुछाला और मौलाना सज्जाद नोमानी सहित 30 सदस्यों ने शिरकत की।
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