NSA अजित डोभाल बोले- पुलवामा के शहीदों का बलिदान न भूले हैं और न भूलेंगे

Last Updated 19 Mar 2019 02:52:08 PM IST

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि देश पुलवामा के आत्मघाती आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों का बलिदान कभी नहीं भूलेगा।


पुलवामा के शहीदों का बलिदान न भूले हैं और न भूलेंगे: डोभाल

सीआरपीएफ के 80वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री डोभाल ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि देश इन जवानों के बलिदानों को भूला नहीं है और न ही कभी इसे भूलेगा। उन्होंने कहा कि यह नेतृत्व का ही फैसला था कि इस हमले का जवाब ‘‘कब, कहां और कैसे’’ दिया जाना था।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि चाहे आतंकवाद से मुकाबला करना हो अथवा इनके मददगारों से लड़ना हो, देश इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने हैं, उनमें पूरी तरह सक्षम है।

आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए डोभाल ने कहा ‘‘किसी देश में आंतरिक सुरक्षा का बहुत महत्व होता है। दूसरे विश्व युद्ध् के बाद 37 राष्ट्र टूट गए अथवा अपनी संप्रभुता खो बैठे । इनमें से 28 देश का कारण आंतरिक संघर्ष था।  देश यदि कमजोर होते हैं तो उसकी वजह कहीं न कहीं आंतिरक सुरक्षा की कमी होती है। आंतरिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण दायित्व सीआरपीएफ पर है।’’

उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के समय सीआरपीएफ के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि शायद लोगों को अब यह याद नहीं है कि बंटवारे के समय इस बल की बहुत कम संख्या थी, किंतु सीआरपीएफ ने उस समय जो भूमिका निभायी उस पर पुस्तकें लिखी जा सकती हैं।

डोभाल ने कहा कि देश के इस विशाल सुरक्षा बल की शुरुआत महज दो बटालियन से हुई और आज यह बढ़कर 242 पर पहुंच गई। यह एकमात्र ऐसा सुरक्षा बल है जो देश के हर कोने में चुनाव, कानून और व्यवस्था के लिए पहुंचा होता है। इस बल की विश्वसनीयता बेमिसाल है।
 

 

वार्ता
गुरुग्राम


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