रेलवे नौकरियां देने में नाकाम, आरटीआई का खुलासा

Last Updated 21 Jan 2019 05:49:52 AM IST

रेलवे विगत वर्षो में नौकरियां देने में विफल रहा है, जबकि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से रिक्तियां बढ़ती गई।




रेलवे नौकरियां देने में नाकाम

आंकड़ों पर गौर करें तो नवंबर 2018 तक रेलवे में ग्रुप-सी और डी के 2,66,790 पद रिक्त थे। वर्ष 2016-17 के दौरान रेलवे में कुल 13,08,323 कर्मचारी कार्यरत थे। इससे पहले 2008-09 में रेलवे में कर्मचारियों की कुल संख्या 13,86,011 थी। इस प्रकार हर साल जितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए, उसके मुकाबले नई भर्तियां कम हुई।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए अलग से विधेयक पारित किया है। सरकार ने यह कदम हाल ही में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पराजय के बाद उठाया है, क्योंकि आगे इस साल लोकसभा चुनाव है।

लिहाजा, विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है। मौजूदा सरकार रोजगार सृजन में विफल रही है और देश में बेरोजगारों की तादाद साल दर साल बढ़ती जा रही है। इसलिए रोजगार देश की प्राथमिकता और प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया है।

क्या सरकार ने सरकारी पदों की मौजूदा रिक्तियां भरने की दिशा में अपेक्षित कोशिश की है? दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता प्रतिष्ठान भारतीय रेल भी नौकरियां देने में विफल रहा है।  सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी से जो जवाब मिला है, वह चौंकाने वाला है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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