लोस चुनाव तानाशाही बनाम लोकतंत्र : कांग्रेस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विपक्षी दलों पर देश में मजबूर सरकार बनाने की कोशिश के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव तानाशाही बनाम लोकतंत्र और भाषण बनाम शासन का होगा।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (file photo) |
पार्टी ने यह भी सवाल किया कि भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अच्छे दिन और नोटबंदी का जिक्र क्यों नहीं किया?
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, 2019 की लड़ाई मजबूर सरकार बनाम मजबूत सरकार की नहीं है। यह लड़ाई तानाशाही बनाम लोकतंत्र है। 2019 की लड़ाई भाषण बनाम शासन है। 2019 की लड़ाई जुमला बनाम काम है। तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री ने अपना भाषण इस बात से आरंभ किया कि काश सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते।
वह एक चीज भूल गए या जान बूझकर भूलना चाहते हैं कि सरदार पटेल पंडित नेहरू और आजादी की जंग लड़ने वाले दूसरे नेताओं के साथी थे। वह कांग्रेस के एक बड़े कद्दावर नेता थे।
भाजपा के पूर्वजों ने तो आजादी में हिस्सा नहीं लिया और अंग्रेजों से माफी मांगकर अपनी जान छुड़ाई थी।’’
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