बांग्लादेश से संबंधों में सभी अवरोध दूर करेगा भारत: सुषमा

Last Updated 23 Oct 2017 07:29:29 PM IST

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश में भारत की मदद वाली 87 लाख डॉलर की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के साथ आज कहा कि भारत पड़ोसी देश के साथ संबंधों में सभी मौजूद सभी अवरोध दूर कर लेगा.


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने बांग्लादेश दौरे के आखिरी दिन ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के नये चांसरी परिसर का उद्घाटन और 15 परियोजनाओं का आज शिलान्यास किया. सभी परियोजनाएं भारत से वित्त पोषित हैं.

विदेश मंत्री ने ढाका के बरीधारा राजनयिक एन्क्लेव में दीप प्रज्जवलित कर इस विशाल राजनयिक परिसर का उद्घाटन किया. भारतीय उच्चायोग भी इसी परिसर में स्थित है. भारतीय उच्चायोग पहले शहर के गुलशाल इलाके के एक भवन से संचालित होता था.

समारोह के दौरान उन्होंने भारतीय वित्त पोषण वाली 15 विकास परियोजनाओं की भी शुरूआत की. अधिकारियों का कहना है कि सभी परियोजनाएं देश के भौगोलिक, सामाजिक-आर्थिक हितों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी हैं.

यह रेखांकित करते हुए कि द्विपक्षीय संबंध रणनीतिक साझेदारी से बहुत आगे निकल गये हैं, सुषमा ने कहा, भारत, पड़ोसी सबसे पहले की नीति का पालन कर रहा है और पड़ोसियों में बांग्लादेश सबसे पहले आता है. 

उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के संबंध असाधारण हैं और दोनों देश दोस्ताना संबंधों की भावना तथा सही इरादे के साथ इन अवरोधों को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

सुषमा ने इन अवरोधों को लेकर साफ तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन साझा नदियों खासकर तीस्ता के पानी का बंटवारा दोनों देशों के बीच लंबे समय से बना हुआ मुद्दा है.

उन्होंने कहा, मैं आपको इस बात का आश्वासन दे सकती हूं कि हम (दोनों देश) सभी अवरोधों का पूरी ईमानदारी से हल करेंगे. 

विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पड़ोसी देशों को लेकर जो नीति अपनायी है, उसके तहत बांग्लादेश भारत के सभी पड़ोसी देशों में सबसे पहले आता है. उन्होंने साथ ही जमीनी सीमा तथा समुद्री सीमा मुद्दों के शांतिपूर्ण हल की तरफ भी इशारा किया.

87 लाख डॉलर की लागत वाली ये परियोजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सूचना प्रौद्योगिकी, जलापूर्ति और सामाजिक कल्याण क्षेत्रों से सम्बद्ध हैं.

इनमें पिरोजपुर के दक्षिणी-पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्र में 11 जल शोधन संयंत्रों की स्थापना भी शामिल है. इससे 1,50,000 लोगों को लाभ होगा. इन परियोजनाओं में सामुदायिक क्लिनिक और ढाका स्थित रमना काली मंदिर का पुनरूद्धार भी शामिल है. वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के दौरान यह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था.



बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. एच. महमूद अली, स्वास्थ्य मंत्री मोहम्मद नसीम और प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार एच. टी. इमाम सहित अन्य लोग भी समारोह में मौजूद थे.

नये चांसरी परिसर का निर्माण पांच एकड़ भूमि में हुआ है. चांसरी के अलावा इस परिसर में भारतीय उच्चायोग, एक आवासीय ब्लॉक, एक खेल परिसर और एक बहुउद्देशीय सभागार शामिल हैं.

उच्चायोग के कर्मचारी इस परिसर में 2004 से रह रहे हैं जबकि चांसरी ने पिछले वर्ष अक्तूबर से काम करना शुरू कर दिया था.

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए एच महमूद अली के साथ वार्षिक संयुक्त सलाहकार आयोग की बैठक के लिए सुषमा कल यहां पहुंची थीं. वर्ष 2014 में विदेश मंत्री बनने के बाद दूसरी बार बांग्लादेश दौरे पर आयीं सुषमा आज ढाका की दो दिन की अपनी यात्रा पूरी कर नयी दिल्ली लौट गयीं.

भाषा


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