अदालत ने हनीप्रीत की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज बलात्कार के दो मामलों में डेरा सौदा सच्चा प्रमुख राम रहीम की दोषसिद्धि के बाद हिंसा भड़काने और देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रही हनीप्रीत इंसां की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका खारिज की.
हनीप्रीत की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित. |
अदालत ने यह आदेश इस आधार पर दिया कि वह गिरफ्तारी से भाग रही हैं और इसलिए वह किसी भी तरह की विवेकाधिकार वाली राहत पाने की हकदार नहीं हैं.
न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने आदेश पारित करते हुए कहा कि हरियाणा के पंचकूला की एक अदालत में जारी कार्यवाही में देरी करने के लिए दिल्ली में जमानत याचिका दायर की गई है.
उच्च न्यायालय ने इससे पहले आज 36 वर्षीय हनीप्रीत तथा दिल्ली और हरियाणा पुलिस के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद उनकी जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था.
सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने उसके सामने अग्रिम जमानत याचिका दायर करने पर हनीप्रीत पर सवाल उठाए और कहा कि वह हरियाणा की स्थायी नागरिक हैं और, आपके लिए सबसे आसान तरीका आत्मसमर्पण करना है.
दिल्ली और हरियाणा पुलिस के वकीलों ने हनीप्रीत की याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि दिल्ली की एक संपत्ति का गलत पता देकर वह अदालत को गुमराह कर रही हैं.
ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाए जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव के लिये होती है. हनीप्रीत राजद्रोह के मामले में जांच में शामिल होने के लिये दिल्ली से हरियाणा ले जाए जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव की मांग कर रही है.
प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत जेल में बंद राम रहीम की दत्तक पुत्री हैं और वह राम रहीम की दोषसिद्धि के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के संबंध में हरियाणा पुलिस द्वारा वांछित 43 लोगों में शीर्ष पर हैं.
राम रहीम को सीबीआई अदालत ने 25 अगस्त को दोषी ठहराया था.
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