सरकार का कूड़े से बिजली उत्पादन को प्रोत्साहन देने का विचार

Last Updated 26 Sep 2017 04:17:54 PM IST

केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने आज कहा कि देश के सभी शहरों एवं कस्बों में कचरे से बिजली बनाने की परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने की योजना पर काम किया जाएगा.


फाइल फोटो

उन्होंने दिल्ली के गाजीपुर में हाल में कूड़े के ढेर के गिरने की घटना पर दु:ख जताया.
       
कूड़े से बिजली बनाने को लेकर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में सिंह ने कहा, हमें कई महानगरों, शहरों  और कस्बों में कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र लगाने की जरूरत है. एक नागरिक के रूप में कूड़े का प्रबंधन हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है. 
       
दिल्ली में गाजीपुर इलाके में कचरे का ढेर गिरने की घटना का जिक्र  करते हुए सिंह ने कहा, हमें इस प्रकार की घटना को टालने की जरूरत है. कचरे के बड़े ढेर का गिरना, हमारे लिये शर्म की बात है. 
       
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (एमएनआरई) मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा, मैं दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को पत्र लिखूंगा कि वह तिमारपुर की तरह कचरे से बिजली बनाने के तीन-चार और संयंत्र लगाने पर विचार करे. सभी शहरों और कस्बों में अनिवार्य रूप से ये संयंत्र लगाये जाने चाहिए. यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी या शुल्क आधारित बोली के जरिये हो सकता है. 
        
इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, अधिक पारदर्शी तरीका बोली आमंत्रित करना होगा ताकि लोग प्रतिस्पर्धा करें और बोली बिजली की दरों पर आधारित हो सकती है. जो न्यूनतम दर पर बिजली उपलब्ध करा सकते हैं, उन्हें बोली जीतनी चाहिए. जमीन सरकार उपलब्ध कराएगी. संयंत्र के लिये लाइसेंस 25 साल या उसकी  पूरी अवधि के लिये हो सकता है ताकि पूंजी लागत की वसूली हो सके.

एमएनआरई सचिव आनंद कुमार सिंह को इस पर योजना तैयार करने का सुझाव देते हुए आर. के. सिंह ने कहा, इस प्रकार की योजना बनाने और उसे राज्यों को जारी किये जाने की जरूरत है. यह विचार लंबे समय से है. हमें इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. 
        
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार ठोस कचरे से देश में लगभग 500 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है जिसे 2031 तक बढ़ाकर 1,075 मेगावाट और 2050 तक 2,780 मेगावाट किया जा सकता है.


       
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़े के अनुसार भारत ने इस साल अगस्त तक कूड़े से 114.08 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया है.
        
सिंह ने कहा,   हम बायो सीएनजी और बोयो गैस उत्पादन के लिये गाय के गोबर के उपयोग को लेकर नया कार्यक्र म शुरू करने की योजना बना रहे हैं.

करीब 100 गौशालाओं ने इस विचार का समर्थन किया है. 
       
बिजली मंत्री ने सरकार के  परफार्म, एचीव और ट्रेड  (पैट) योजना के तहत ऊर्जा बचत प्रमाणपत्र के कारोबार की भी शुरूआत की.
        
इसके तहत अब संबंधित उद्योग पैट योजना के तहत ऊर्जा बचत प्रमाणपत्रों की खरीद और बिक्री दो ऊर्जा एक्सचेंजों इंडियन एनर्जी एक्सचेंज और पावर एक्सचेंज इंडिया लि. में कर सकते हैं.
         
पैट योजना के तहत बिजली मंत्रालय ऊर्जा बचत प्रमाणपत्र उस उपभोक्ता विशेष (डेजिगनेटेड कंज्यूमर) को देता है जो लक्ष्य को प्राप्त करता है. यह प्रमाणपत्र उपभोक्ता विशेष को बेचा जा सकता है जो ऊर्जा खपत नियमों और मानकों के अनुपालन के संदर्भ में लक्ष्य को हासिल करने में विफल रहते हैं.

 

भाषा


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