दिखने लगा तीन तलाक पर फैसले का असर
एक बार में तीन तलाक देने के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का असर दिखाई देने लगा है क्योंकि फैसले के बाद इस सम्बन्ध में देवबन्द दारूल उलूम से कोई फतवा लेने नहीं आया.
![]() (फाइल फोटो) |
देवबन्दी मसलक के सबसे बड़े केन्द्र दारूल उलूम के प्रवक्ता रहे लेखक अशरफ उस्मानी का कहना है कि दारूल उलूम से न्यायालय के फैसले के बाद इस सम्बन्ध में कोई फतवा लेने नहीं आया. उस्मानी का दावा है कि ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं की प्रतिक्रिया सकारात्मक ही है.
देवबन्दी विचारधारा का सामाजिक एवं धार्मिक संगठन जमीयत उलमाये हिन्द की दोनो इकाईयों का शीर्ष नेतृत्व भी एक ही साथ तीन तलाक देने को सही नहीं मानता है और उसे रोकने के लिये जागरूकता अभियान चलाने का काम करता है. हालांकि, महमूद मदनी के नेतृत्व वाले जमीयत ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को नहीं सराहा. उन्होंने कहा कि न्यायालय या संसद को शरीयत में दखल देने का अधिकार नहीं है.
दारूल उलूम के मोहतमिम (संस्था प्रमुख) भी यही विचार व्यक्त कर चुके हैं. उनका कहना था कि वह इस फैसले का अध्ययन करने के बाद अपनी राय देंगे. वह हज करने चले गये हैं. वहां से लौटने के बाद उनका अधिकृत बयान आ सकता है.
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