सरकार ने निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया जिसमें निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया गया है. सरकार ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर सिर्फ उसके रुख की पुष्टि की है.
![]() केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो) |
केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि शीर्ष अदालत ने कहा है कि निजता का अधिकार संपूर्ण नहीं है और इस पर तर्कसंगत पाबंदी लगायी जा सकती है.
प्रसाद ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने उस बात की पुष्टि की है जो सरकार ने संसद में आधार विधेयक को पेश करने के दौरान कहा था. निजता को मौलिक अधिकार होना चाहिए लेकिन इसे तर्कसंगत पाबंदी के अधीन होना चाहिये.
इस फैसले के जरिये निगरानी के जरिये दबाने की भाजपा की विचारधारा को खारिज किये जाने के कांग्रेस के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रसाद ने अपने ट्वीट में कहा, निजी स्वतंत्रता की रक्षा करने में कांग्रेस का क्या रिकॉर्ड रहा है इसे आपातकाल के दौरान देखा गया था.
प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आज कहा, निजता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और निजी स्वतंत्रता के अधिकार और संविधान के समूचे भाग तीन का स्वाभाविक हिस्सा है.
| Tweet![]() |