Video: बाढ़ से यूपी-बिहार बेहाल, अनेक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से उपर

Last Updated 18 Aug 2017 12:51:10 PM IST

उत्तर एवं पूर्वी बिहार के बाढ़ग्रस्त जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान रूक-रूक कर बारिश का दौर जारी रहने से जहां कई नये इलाकों में पानी फैल गया हैं.


बाढ़ से यूपी बिहार बेहाल

वहीं लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) और सेना ने कमान संभाल रखी है.

वहीं नेपाल के बांधों से छोड़े गए पानी और वहाँ हो रही लगातार वर्षा के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गम्भीर हो गयी है.
                    
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने आज बताया कि नेपाल एवं बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से अब भी ऊपर है. नदियों में उफान से राज्य के बाढ़ग्रस्त जिलों की स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई. गुरुवार को पूर्णिया, कटिहार और मधेपुरा के कई नए इलाकों में पानी आने से लोगों में दहशत का माहौल है और लोग सुरक्षित इलाकों की ओर पलायन कर रहे हैं.


              
बाढ़ के कारण पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधबुनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर और सारण जिलों के 110 प्रखंड में करीब 92 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. सेना के साथ ही एनडीआरएफ और राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) के जवान लगातार राहत कार्य में जुटे हुए है.
       
सूत्रों ने बताया कि प्रभावित जिलों में लगातार सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है. इन 14 जिलों में एनडीआरएफ की 27 टीम के 1110 जवान अपनी  114 नौकाओं और एसडीआरएफ की 16 टीम के 446 जवान अपनी 92 नौकाओं तथा 630 जवान एवं 70 नौकाओं के साथ सेना की सात कंपनियां 24 घंटे राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं. 
       
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को गोपालगंज, पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल एवं मोतिहारी तथा पश्चिम चंपारण जिले के बगहा और बेतिया के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को राहत कायरें में और तेजी लाने तथा प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति को त्वरित मदद पहुंचाने का निर्देश दिया.
 

पूर्वी इलाकों में बाढ़ का कहर:

नेपाल के बांधों से छोड़े गए पानी और वहाँ हो रही लगातार वष्रा के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गम्भीर हो गयी है. गोरखपुर में जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य में सेना से मदद मांगी है.
    
गोरखपुर जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार गोरखपुर-नेपाल मार्ग पर मानीराम कस्बे और राजमार्ग पर रोहिन नदी का पानी भर गया है, जिससे नेपाल जाने वाले गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है.


    
जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने जिले के सभी स्कूलों को कल तक बंद करने के आदेश जारी कर दिये हैं. उन्होंने राहत और बचाव कार्य के लिये सेना से मदद मांगी है. जिले के कम्पीयरगंज क्षेत्र में परसों पानी के दबाव के कारण क्षतिग्रस्त हुए रोहिन नदी के तटबंध की मरम्मत किये जाने से गोरखपुर शहर के कुछ मोहल्लों को बाढ़ से राहत मिली थी, लेकिन आज सुबह तटबंध से फिर रिसाव होने से कुछ इलाकों में हालात खराब हो गये हैं.

सूत्रों के अनुसार जिले के 105 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें से 35 गाँव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा राहत बल के दल 169 नावों की मदद से बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन, पानी इत्यादि पहुंचा रहे हैं.

इस बीच, बाढ़ के कारण गोरखपुर-सोनौली सड़क मार्ग बंद होने और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर से आनंद नगर होते हुए बढ़नी तक दो विशेष रेलगाड़ियां चलाने का निर्णय लिया है.

मालूम हो कि प्रदेश पूर्वी भाग के कई इलाके इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, अयोध्या, लखीमपुर खीरी, महराजगंज और गोण्डा में बाढ़ कहर बरपा रही है. इन जिलों में हजारों हेक्टेयर फसल भी बाढ़ के कारण डूब गयी है. बस्ती जिले में बाढ़ का पानी लखनउ-गोरखपुर मार्ग के नजदीक पहुंच गया है.

केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राप्ती नदी बलरामपुर, बांसी (सिद्धार्थनगर), रिगौली (गोरखपुर) और र्बडघाट (गोरखपुर) में खतरे के निशान से काफी उपर बह रही है. बूढ़ी राप्ती नदी ककरही :सिद्धार्थनगर: तथा उस्काबाजार :सिद्धार्थनगर: में, रोहिन नदी त्रिमोहानीघाट :महराजगंज: और क्वानो नदी चंद्रदीपघाट :गोण्डा: में लाल निशान से उपर बह रही है.

घाघरा नदी का जलस्तर अयोध्या में खतरे के निशान से काफी उपर है. वहीं, एल्गिनब्रिज :बाराबंकी: और तुर्तीपार :बलिया: में भी यह लाल निशान से उपर बह रही है. शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां (खीरी) में खतरे के निशान से उपर बना हुआ है.

देखें वीडियो:

 

एजेंसी


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