सत्ता ही नहीं, चंदा हथियाने में भी भाजपा आगे

Last Updated 18 Aug 2017 04:39:35 AM IST

देश के राजनीतिक दलों को पिछले चार साल के दौरान औद्योगिक घरानों से 956.77 करोड़ रुपए का चंदा मिला. यह राशि इस दौरान राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 89 फीसद है.


सत्ता ही नहीं, चंदा हथियाने में भी भाजपा आगे

इस दौरान भाजपा को सबसे अधिक 706 करोड़ रुपए की रकम मिली.

एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. यह रिपोर्ट पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग को दी गई जानकारी पर आधारित है.

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों को कंपनियों और औद्योगिक घरानों से 956.77 करोड़ का चंदा मिला है. इनमें भाजपा को सबसे ज्यादा 2987 कंपनियों से 705.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं. इसके बाद कांग्रेस को 167 कंपनियों  से 198.16 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त हुआ है.

घरानों से इस दौरान राकांपा (एनसीपी) को 50.73 करोड़, माकपा को 1.89 करोड़ और भाकपा को 0.18 करोड़ रुपए का चंदा मिला. 2012-13 से 2015-16 के बीच पांच राजनीतिक दलों को 20,000 से अधिक के कुल 1,070.68 करोड़ रुपए के चंदे प्राप्त हुए.

बसपा का ब्योरा नहीं
रिपोर्ट में बसपा को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि पार्टी ने कहा है कि उसे 2012-13 और 2015-16 के दौरान किसी भी दानदाता से 20,000 रुपए से अधिक का चंदा नहीं मिला है.

लोकसभा चुनाव में बरसा धन
राष्ट्रीय दलों को सबसे ज्यादा कारपोरेट चंदा 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिला.

टाप कारपोरेट्स
- सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान कारपोरेट चंदा नहीं दिया था. इसके बावजूद यह टॉप कारपोरेट चंदा देने वाला घराना है. इस ट्रस्ट ने तीन साल में तीन दलों को 260.87 करोड़ दिए.
- जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस और भाजपा को 124.8 करोड़ का चंदा दिया.

समयलाइव डेस्क


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