साबरमती से प्रचार शुरू करेंगी मीरा कुमार
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा है कि वो जाति के आधार पर नहीं विचारधारा की लड़ाई लड़ रही हैं.
मीरा कुमार (file photo) |
उन्होंने कहा कि इसीलिए वह अपने गृह राज्य बिहार की बजाय गुजरात के साबरमती आश्रम से अपने प्रचार की शुरू करेंगी.नामांकन से एक दिन पहले मीरा कुमार ने प्रेस काफ्रेंस में कहा कि उन पर सरकारी भवन के कब्जे और बकाए सम्बंधी सभी आरोप निराधार हैं और छवि को धूमिल करने की कोशिश हैं.
उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस आरोप को भी खारिज किया कि लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने किसी के साथ पक्षपात किया. मीरा कुमार ने कहा कि लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर सभी दलों के नेताओं ने मेरे व्यवहार की प्रशंसा की थी.
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि दलित-आदिवासियों से जुड़ी योजनाओं और कानूनों को कमजोर किया जा रहा है. नीतीश कुमार का समर्थन नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में राजनीतिक दल ऐसा करते हैं.
हालांकि बिहार के छह कांग्रेस विधायकों का समर्थन सत्तापक्ष के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को मिलने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं आई है.
बार-बार इस तरह के प्रश्न होने पर कि उन्हें दलित होने से उम्मीदवार बनाया गया है और उनके सामने भी दलित उम्मीदवार ही है तो उन्होंने कहा कि इससे पहले जब तथाकथित उच्च जाति के व्यक्ति खड़े होते थे तो उनकी जाति की कभी चर्चा नहीं होती थी.मीरा कुमार ने कहा कि ऐसा क्यों होता है कि जब दलित प्रत्याशी खड़े होते हैं तो उनके व्यक्तित्व के सारे पक्ष गौण हो जाते हैं और केवल जाति की ही बात की जाती है.
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जाति को गठरी में बांधकर गहरा गाड़ देना चाहिए.मीरा कुमार ने कहा कि जाति व्यवस्था का विनाश ही मेरा मकसद है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जैसा पद जातिगत चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.जब उनसे सवाल किया गया कि वो हारी हुई लड़ाई लड़ रही है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है.
मीरा कुमार ने कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्य, समावेशी समाज, प्रेस की आजादी,पारदर्शिता जैसे मूल्यों को लेकर चुनाव में लड़ रही हैं और 17 विपक्षी दलों ने इसी विचारधारा के आधार पर उन्हें सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने का निर्णय किया है.
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