मन की बात : पीएम मोदी ने कहा- दिमाग से भी हटनी चाहिए ‘लाल बत्ती'

Last Updated 30 Apr 2017 09:54:29 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि ‘नये भारत’ में वीआईपी संस्कृति के तहत कुछ खास लोगों को तवज्जो देने के स्थान पर अब देश का हर नागरिक खास है.




पीएम मोदी (फाइल फोटो)

मोदी ने रविवार (30 अप्रैल) को दिल्ली को आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि लाल बत्ती वीआईपी संस्कृति का प्रतीक बन गया था.

इसे लेकर लोगों के मन में नफरत का माहौल था. अब यह लाल बत्ती तो चली गयी है लेकिन लोगों के दिमाग मे अति विशिष्ट होने का जो अहसास घुस गया है, वह भी पूरी तरह समाप्त होना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नये भारत में वीआईपी की जगह अब (ईपीआई) एवरी पर्सन इज इंपोरटेंट  यानी हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है, संस्कृति का  विकास होना चाहिए. उन्होंने कहा, ’सवा सौ करोड़ का माहात्म्य स्वीकार कीजिए.‘

युवा पीढी को भीम ऐप के जरिये कमाई की तरकीब बतायी मोदी ने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा पीढी का भीम ऐप के जरिये ‘डिजिटल इंडिया‘ में योगदान का आवान करने के साथ ही इसके जरिये कमाई करने की भी तरकीब बतायी है.

मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि नयी पीढी नकद से मुक्त हो रही है और वह डिजिटल लेनदेन में विास करने लगी है .
      
प्रधानमंत्री ने युवाओं को केंद्र सरकार की योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यदि एक व्यक्ति किसी नये व्यक्ति को भीम से ऐप से जोडे और वह जुडने के बाद इस ऐप के जरिये तीन बार लेनदेन कर लेगा तो जोडने वाली व्यक्ति के खाते में सरकार की ओर से दस रूपये जमा करा दिये जाएंगे. इस तरह एक दिन में बीस व्यक्ति को जोडने पर 200 रूपये की कमाई हो जाएगी. यह योजना 14 अक्टूबर तक है.
        
उन्होंने कहा कि इस योजना से व्यापारी और विद्यार्थी दोनों की कमाई हो सकती है . उन्होंने कहा ,‘इससे डिजिटल इंडिया में आपका योगदान होगा . न्यू इंडिया के आप एक प्रहरी बन जाएंगे, तो छुट्टियों के साथ-साथ कमाई भी हो जाएगी.

डर लगता है कि हमारे युवा रोबोट तो नहीं हो रहे हैं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं से ‘कंफर्ट जोन’ से बाहर निकलने का आह्वान करते हुए कहा कि स्पर्धा के इस दौर में कभी-कभार ऐसा लगता है कि युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं बन रही है.

मोदी ने कहा, ‘‘नौजवान दोस्तों, कुछ बातें मैं आपके साथ भी करना चाहता हूं. मुझे कभी-कभी चिंता होती है कि हमारी युवा पीढ़ी में कई लोगों को कंफर्ट जोन में जीने में मजा आता है. मां-बाप भी एक रक्षात्मक अवस्था में ही उनका लालन-पालन करते हैं. कुछ लोग अलग होते हैं, लेकिन ज्यादतार कंफर्ट जोन वाले नजर आते हैं.’’
    
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं और आप लोगों ने घूमने की योजनाएं बना ली होंगी. ऐसे में मैं आपको तीन सुझाव देता हूं जिन पर आप अमल कर सकते हैं. चाहें तो किसी एक सुझाव पर अमल करके देखिए. मेरे सुझाव हैं कि छुट्टियों में आप नए स्थान, नए अनुभव और नए कौशल का प्रयास करिए.’’
    
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे इस बात की चिंता हो रही है कि प्रौद्योगिकी दूरियां खत्म करने के लिए आई, लेकिन देखा जा रहा है कि एक ही कमरे में घर के छह लोग बैठे हैं और दूरियां इतनी हैं कि कल्पना नहीं की जा सकती. इतनी दूरियां क्यों हैं? सामूहिकता एक संस्कार है और सामूहिकता एक शक्ति है.’’
    
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह स्पर्धा का युग है. आप परीक्षाओं में इतने डूबे रहते हैं. अच्छा से अच्छा अंक हासिल करने के प्रयास में लगे रहते हैं. कभी-कभी डर लगता है कि हमारी युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं हो रही है और मशीन की तरह जिंदगी तो नहीं गुजार रही है.’’
    
उन्होंने कहा, ‘‘दोस्तों, जीवन में बहुत कुछ बनने का सपना देखना अच्छी बात है..लेकिन यह भी देखिए कि आपके भीतर का मानवीय पहलू कुंठित तो नहीं हो रहा. हम मानवीय गुणों से दूर तो नहीं जा रहे हैं. कौशल विकास में इस पहलू पर थोड़ा बल दिया जा सकता है.’’

मोदी ने दी गुजरात व महाराष्ट्र के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं

मोदी ने कहा कि सोमवार को गुजरात और महाराष्ट्र का स्थापना दिवस है और इस इस अवसर पर वह दोनों राज्यों के नागरिकों को शुभकामनायें देते हैं.
 
उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों ने विकास की नयी-नयी ऊँचाइयों को पार करने का लगातार प्रयास किया है और  देश की उन्नति में योगदान दिया है. दोनों राज्यों में महापुरुषों की अविरत श्रृंखला और समाज के हर क्षेत्र में उनका जीवन देशवासियों को प्रेरणा देता रहता है. उन्होंने कहा, इन महापुरुषों को याद करते हुए राज्य के स्थापना दिवस पर यह संकल्प लेना चाहिए कि 2022 यानी आादी के 75 साल पर हम अपने राज्य, देश , समाज , नगर और अपने परिवार को कहाँ पहुँचाएँगे.  उस संकल्प को सिद्ध करने के लिये योजना बनानी चाहिये और सभी नागरिकों के सहयोग से आगे बढ़ना चाहिये. 7
 

भारत पांच मई को करेगा दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण- मोदी

मोदी ने आज कहा कि भारत दक्षिण एशियायी देशों के साथ सहयोग को और बढ़ाने के लिए पांच मई को दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा.

मोदी ने मन की बात में कहा कि सरकार का ‘सबका साथ-सबका विकास’ का मंत्र सिर्फ भारत के लिए ही नहीं है बल्कि इसके अंतर्गत पास-पड़ोस के देशों का विकास और उन्हें साथ लेकर चलना भी शामिल है. 

उन्होंने कहा कि इस मकसद से भारत 5 मई को भारत दक्षिण-एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा जिससे दक्षिण-एशिया की आर्थिक तथा विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने में काफ़ी मदद मिलेगी 7

प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया का यह उपग्रह प्राकृतिक संसाधनों की मैपिंग करने के साथ ही टेलीमेडिसिन, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी कनेक्टिविटी तथा इस क्षेा के लोगों के बीच सम्पर्क बढ़ाने में सहायक होगा. उन्होंने कहा कि पूरे दक्षिण-एशिया के साथ सहयोग बढ़ाने के लिये भारत का यह एक महत्वपूर्ण कदम है तथा दक्षिण-एशिया के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उपयुक्त उदाहरण है.

मोदी ने कहा कि वह दक्षिण एशिया उपग्रह से जुड़े इस क्षेत्र के देशों का इस महत्वपूर्ण प्रयास के लिये स्वागत करते हैं और उन्हें शुभकामनायें देते हैं
 

संत रामानुजाचार्य की जंयती पर सोमवार को जारी किया जाएगा डाक टिकट

मोदी ने कहा कि रामानुजाचार्य ने सामाजिक एकता के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी थी और अछूत समझे जाने वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश दिलाने के लिए आंदोलन किये थे. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी एक हजारवीं जयंती पर सोमवार को एक डाक टिकट जारी करेगी.
               
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मई को श्रमिक दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है और इस मौके पर बाबा साहब अम्बेडकर की याद आना स्वाभाविक है, जिन्होंने श्रमिकों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये थे.

उन्होंने कहा कि इस अवसर पर कर्नाटक के महान संत बसवेर की भी याद आती है, जिन्होंने बारहवीं शताब्दी में कन्नड भाषा में श्रम और श्रमिक पर गहन विचार रखे. उन्होंने कहा था कि ‘काय कवे कैलाश’ यानी अपने परिश्रम से भगवान की प्राप्ति की जा सकती है. दूसरे शब्दों में श्रम ही शिव है.

मोदी ने भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक एवं चिंतक दत्तो पंतजी ठेंगडी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने ‘दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ’ की पश्चिम की विचारधारा के विपरीत ‘मजदूरो आओ दुनिया को एक करें का नारा दिया था.


पीएम मोदी ने इससे पहले के आयोजन में कई मुद्दों जैसे अर्थव्यवस्था, नशाखोरी, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्या पर चर्चा की है. आकाशवाणी सभी क्षेत्रीय भाषाओं में इसका सीधा प्रसारण करता हैं.
 

 

समयलाइव डेस्क/भाषा


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